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स्कूलों को लेकर शिक्षा मंत्रालय ने जारी किए दिशा-निर्देश, पेरेंट्स की परमिशन जरूरी है या नहीं, राज्य तय करेंगे

 स्कूलों को लेकर शिक्षा मंत्रालय ने जारी किए दिशा-निर्देश, पेरेंट्स की परमिशन जरूरी है या नहीं, राज्य तय करेंगे 


Centre new Schools reopen guidelines: शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) ने स्कूलों को फिर से खोलने के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी किया हैं. मंत्रालय द्वारा जारी संशोधित मानक संचालन प्रक्रिया के मुताबिक, राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश यह तय कर सकते हैं कि छात्रों को शारीरिक कक्षाओं (offline Classes) में भाग लेने के लिए माता-पिता या अभिभावकों की सहमति की आवश्यकता है या नहीं. कई स्कूल, कॉलेज तीसरी लहर के बाद ऑफ-लाइन कक्षाएं फिर से शुरू कर चुके हैं. जिसमें छात्रों को शैक्षणिक संस्थानों में ऑफ-लाइन कक्षाओं में आने की अनुमतियां देने के लिए माता-पिता की सहमति होगी.





शिक्षा मंत्रालय द्वारा स्कूलों को फिर से खोलने के लिए नया एसओपी जारी किया गया है. निर्देश में कहा गया है कि कक्षा में स्कूल रेडीनेस मॉड्यूल या ब्रिज कोर्स तैयार करके और लागू करके छात्रों को घर-आधारित स्कूली शिक्षा से औपचारिक स्कूली शिक्षा के लिए सुगम संक्रमण सुनिश्चित किया जाए. राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपने स्तर पर यह तय कर सकते हैं कि क्या उनके स्कूल को छात्रों के माता-पिता की सहमतियां लेने की आवश्यकता है या नहीं.


स्टूडेंट्स के कौशल पर दिया जाए ध्यान


मंत्रालय ने स्कूलों को बच्चों के सीखने के स्तर के आधार पर उपचारात्मक कार्यक्रम शुरू करने और छात्रों के पढ़ने और संख्यात्मक कौशल में सुधार करने के लिए भी कहा गया है. हांलांकि, सेंट्रे के स्कूलों में सबसे बड़े संशोधन के बाद कॉलेज फिर से खोलने के दिशा-निर्देश का पालन करते हुए ऑफ-लाइन कक्षाओं के लिए माता-पिता की सहमति अब अनिवार्य नहीं होने की संभावना है. केन्द्र ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से इसके बारे में अपने स्तर पर निर्णय लेने को कहा है, इसलिए उनमें से कई के लिए माता-पिता की सहमतियां के नियम को खत्म करने की संभावना है. हांलांकि, अधिक के बारे में तभी पता चलेगा जब संशोधित दिशा-निर्देश जारी हो जाएंगे.

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