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टीजीटी- 2011 जीवविज्ञान परिणाम पर दुर्भाग्य का ताला


प्रयागराज : प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) व प्रवक्ता संवर्ग (पीजीटी)-2021 भर्ती सुप्रीम कोर्ट के दबाव में दिन में साक्षात्कार और रात में परिणाम देने वाला माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अब प्रधानाचार्य भर्ती - 2013 को लेकर हाई कोर्ट के दबाव में है। प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी)-2011 के जीवविज्ञान विषय के अभ्यर्थियों का आरोप है कि इसी कारण उनका परिणाम घोषित नहीं किया जा रहा है, जबकि लापरवाही के कारण भीगी उनकी ओएमआर शीट मामले की जांच कर समिति परिणाम देने की राह सुझाकर की संस्तुति कर चुकी है।


अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों के लिए आठ साल बाद प्रधानाचार्य भर्ती का साक्षात्कार 31 जनवरी 2022 तकर पूरा कराने का दावा चयन बोर्ड ने किया था। इसके लिए हाई कोर्ट में हलफनामा भी दिया था, लेकिन साक्षात्कार पूरा कराना तो दूर, तिथि बीतने के एक • सप्ताह बाद साक्षात्कार की तिथि तक घोषित नहीं कर सका है। जल्दी भर्ती पूरी कराने की अभ्यर्थियों की मांग पर सुनवाई कर रहे हाई कोर्ट में दो दिन पहले सुनवाई थी, लेकिन चयन बोर्ड का शपथपत्र आन रिकार्ड न हो पाने से अब 23 फरवरी को सुनवाई प्रस्तावित है। ऐसे में चयन बोर्ड तर्कों के साथ भर्ती पूरी कराने के लिए 31 मार्च तक का समय देने का शपथपत्र दिया है। हाई कोर्ट में किसी भी असहज स्थिति से बचने के लिए चयन बोर्ड का फोकस इस भर्ती पर है, जिसके चलते जीव विज्ञान 2011 की भर्ती फिर फंस गई है। पहले यह भर्ती जीवविज्ञान विषय के अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट का बंडल पानी में भीग जाने के कारण फंस गई थी.



चयन बोर्ड ने इस मामले में समिति गठित कर जांच कराई। चयन बोर्ड के सदस्यों की समिति ने कार्बन कापी से ओएमआर शीट का मिलाकर परिणाम घोषित करने की संस्तुति के साथ अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसके बावजूद चयन बोर्ड अभी तक परिणाम घोषित नहीं कर सका है।

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