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पढ़ाई के नुकसान की भरपाई के लिए स्कूलों में लागू होगा लर्निंग रिकवरी प्लान

 पढ़ाई के नुकसान की भरपाई के लिए स्कूलों में लागू होगा लर्निंग रिकवरी प्लान

कानपुर

कोविड के चलते लंबे समय से बंद रहे स्कूलों के कारण बच्चों की पढ़ाई का नुकसान न हो इसके लिए लर्निंग रिकवरी प्लान तैयार किया गया है। सत्र 2022-23 में इसे लागू कर बच्चों की पढ़ाई में हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी। इसमें शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों को भी शामिल किया जाएगा।

कक्षा 01 से 03 व आगे की कक्षाओं के लिए अलग-अलग प्लान तैयार किए गए हैं। इसे केंद्रीय स्तर पर स्कूल शिक्षा विभाग ने तैयार कर लागू किया गया है जिसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। इसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई है। इसके आंशिक भाग पर पहले से भी अमल किया जा रहा है ताकि स्कूल बंदी के दौरान बच्चों को अधिक नुकसान न हो।


हर बच्चे की होगी ट्रेसिंग

स्कूल बंदी के दौरान सबसे बड़ी समस्या यह है कि अभिभावक शहरी क्षेत्र छोड़कर गांवों आदि में चले जाते हैं। उनके साथ उनका परिवार भी पलायन कर जाता है। अनेक कारणों से बच्चे स्कूल आना छोड़ देते हैं। ऐसे में हर बच्चे को तलाशने और उसकी शिक्षा को जारी रखने की जिम्मेदारी शिक्षकों को सौंपी गई है।

छात्रों को दिया जाएगा स्टाइपेंड

लर्निंग रिकवरी प्लान के तहत यह योजना भी तैयार की गई है कि सत्र 2022-23 की शुरुआत में उच्च प्राथमिक स्तर के बच्चों को 500 रुपए की धनराशि दी जाएगी ताकि यह उनकी पढ़ाई में मदद कर सके। बच्चों के लिए पढ़ाई के अलग से प्लान तैयार कर छूटे हुए कोर्स की भरपाई कराई जाएगी। एनसीईआरटी बच्चों के लिए ब्रिज कोर्स भी कराएगा।

विकल्प भी तैयार किए गए

नए सत्र के लिए पढ़ाई के विकल्प भी तैयार किए गए हैं। यदि बीच सत्र में किन्हीं कारणों से स्कूल बंद होते हैं तो उनकी पढ़ाई को सतत बनाए रखने के लिए पहले से योजना तैयार की गई है। बच्चों को शैक्षणिक सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए विशेष प्लान तैयार किया गया है ताकि स्कूल बंदी के दौरान उन्हें इससे मदद मिल सके।

ऑनलाइन की आदत भी रहेगी

शिक्षकों व छात्रों को अनेक ऑनलाइन मोड से भी कनेक्ट रखा जाएगा। शिक्षकों को प्रशिक्षण और बच्चों की लर्निंग रिकवरी के लिए यह पढ़ाई जारी रहेगी। इसके लिए निष्ठा, दीक्षा, स्कूल रीडेनेस प्रोग्राम, कंटेंट सेंडिंग, स्कूल, मोहल्ला व क्लस्टर जैसे कंसेप्ट का उपयोग किया जाता रहेगा। इसका उद्देश्य बच्चों को हुए पढ़ाई के नुकसान से उबारना है।

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