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शिक्षक को दो दिन थाने में बैठाने वाला दरोगा निलंबित





पडरौना। विशुनपुरा थाने के दरोगा को एसपी ने मंगलवार को निलंबित कर दिया। दरोगा पर निजी विद्यालय के शिक्षक को हवालात में 24 घंटे बंद रखने का आरोप है। शिक्षक की पत्नी ने इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री केे आईजीआरएस पर की थी। वहीं, डीजीपी, आईजी जोन, प्रदेश सरकार और कुशीनगर पुलिस के एक्स (ट्विटर) पर अपनी पीड़ा बताई थी। एसपी कुशीनगर ने मामले की जांच कराई। सही पाए जाने पर दरोगा को निलंबित कर दिया।


विशुनपुरा क पडरौना मडुरही गांव के धुस टोला निवासी मनोज कुमार यादव की पत्नी पूजा ने मंगलवार को एक्स (ट्विटर) पर थाने में तैनात दरोगा संजय प्रजापति के प्रताड़ना की कहानी अपलोड की। इसमें बताया कि दरोगा संजय 24 दिसंबर को उनके घर पहुंचे। पति मनोज यादव को थाने बुलाया। मनोज एक निजी विद्यालय में शिक्षक हैं। 25 दिसंबर को मनोज यादव एसआई के बुलाने पर थाने पहुंचे। पूजा का आरोप है कि दरोगा ने उनके पति को यह कहते हुए हवालात में डाल दिया कि अपने रिश्तेदारों को बुलाओ, नहीं तो जेल भेज देंगे। मनोज के ऊपर कोई मुकदमा दर्ज़ नहीं है। पूजा का कहना है कि थाने के हवालात में पुलिस ने उनके पति को प्रताड़ित किया। पुलिस की इस कार्रवाई से उनकी प्रतिष्ठा धूमिल हुई है।





जानकारी मांगी तो गालियां देकर थाने से भगाया

पूजा का आरोप है कि वह थाने पहुंची। दरोगा से पति को हवालाता में बंद करने का कारण पूछा। तो वह आग बबूला हो गए। गालियां देते हुए उसे थाने से भगा दिया। दरोगा की करतूत की शिकायत सामने आते ही एसपी धवल जायसवाल ने जांच का आदेश दिया। मामला सही पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से दरोगा संजय प्रजापति को निलंबित कर दिया।





यह था मामला--

बंगाली पट्टी निवासी रीमा पाठक ने गांव की मिंटू यादव व उसके पति कमलेश यादव, बेटे शेखर यादव पर 30 लाख रुपये जालसाजी कर ठगने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था। मामले की विवेचना दरोगा संजय प्रजापति कर रहे थे। केस दर्ज होने के बाद मिंटू यादव परिवार सहित लापता हो गई। छानबीन में कमलेश यादव की भांजी पूजा यादव के पति मनोज यादव को एसआई संजय प्रजापति ने थाने पर बुलाया था। आरोप है कि रीमा पाठक ने मिंटू यादव एवं उनके परिजनों के कहने पर सात अलग-अलग माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के समूहों से लगभग छह लाख रुपये कर्ज लेकर दिया था। दोबारा जब मिंटू यादव व उनके परिजन और पैसे मांगने लगे तो रिश्तेदारों से कर्ज लेकर व अपने गहने गिरवी रखकर रीमा पाठक ने कर्ज के तौर पर लगभग 20 लाख रुपये दिया था। इसके एवज में मिंटू यादव एवं परिजनों ने पांच अलग-अलग तारीखों के चेक रीमा पाठक को बतौर सिक्योरिटी दिया था। इसमें से एक चेक कमलेश यादव के मृतक बड़े भाई के नाम से था। इसका भुगतान न होने के कारण मामला पुलिस तक पहुंचा। दरोगा ने थाने बुलाकर पूछताछ करने के बजाय शिक्षक मनोज यादव को हवालात में बंद कर दिया। मंगलवार की देर शाम संजय प्रजापति के निलंबन आदेश के बाद विशुनपुरा के थानाध्यक्ष रामसहाय चौहान ने मनोज यादव को कागजी कार्रवाई के बाद छोड़ दिया।

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