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कस्तूरबा स्कूल की रसोई चलाएगी निराश्रित गोवंश की गोशाला


कस्तूरबा स्कूल की रसोई चलाएगी निराश्रित गोवंश की गोशालाकिसानों से गोबर खरीदेगा पंचायती राज विभाग

गोशाला के गोबर से 100 मीट्रिक टन क्षमता के प्लांट की डिमांड पूरा होना कठिन है। ऐसे में किसानों से पशुओं का गोबर खरीदने की तैयारी भी की जा रही है। किसानों के पशुओं का गोबर खरीदकर प्लांट में इस्तेमाल किया जाएगा।

गांव वालों को सस्ती रसोई गैस और बिजली मिलेगी

संयंत्र में रसोई गैस के साथ बिजली भी तैयार की जाएगी। प्लांट से सटे गांवों में सस्ती रसोई गैस और बिजली की आपूर्ति की जाएगी।

बरेली, प्रमुख संवाददाता। निराश्रित गोवंश की गोशाला कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की रसोई को चलाएगी। फतेहगंज पश्चिमी के

रफियाबाद की गोशाला में पंचायती राज विभाग 50 लाख की लागत से 100 मीट्रिक टन क्षमता का गोबर गैस सयंत्र लगाने जा रहा है। प्लांट से बा स्कूल को रसोई गैस की सप्लाई की जाएगी। गोशाला को अकेले बा स्कूल को रसोई गैस देकर रोजाना करीब पांच हजार की आमदनी होगी। तीन महीने में संयत्र काम करना शुरू कर देगा। 14 अप्रैल को प्लांट के शिलान्यास की तैयारी है।

निराश्रित गोवंश की गोशालाओं को आत्म निर्भर बनाने की पहल हो रही है। रफियाबाद में आवारा गोवंश की वृहद गोशाला है।

सरकार ने गोशाला में गोवंश के गोबर से आमदनी बढ़ाने की शुरूआत की है। पंचायती राज विभाग बरेली का पहला गोबर गैस संयंत्र लगाएगा। सरकार ने संयंत्र तैयार करने की जिम्मेदारी आंध्र प्रदेश की कंपनी को दी है। तीन महीने में परियोजना तैयार हो जाएगी। रफियाबाद गोशाला से रसोई गैस की सप्लाई पाइप लाइन के जरिए कस्तूरबा स्कूल में होगी। बेसिक शिक्षा विभाग के साथ अनुबंध हो गया है।

बा स्कूल की रसोई में रोजाना करीब 5 गैस के सिलेंडर का इस्तेमाल होता है। एक महीने में बेसिक शिक्षा विभाग 150 गैस के सिलेंडर की कीमत गोशाला प्रबंधन को देगा। प्लांट से होने वाली आमदनी गोवंश की देखभाल पर खर्च की जाएगी।

वर्मी कंपोस्ट खाद बनेगा : प्लांट में इस्तेमाल होने वाले गोबर से वर्मी कंपोस्ट खाद बनाया जाएगा। वर्मी कंपोस्ट खाद की आपूर्ति वन और उद्यान विभाग की नर्सरी में की जाएगी। शासन ने 6 रुपये प्रति किलो के हिसाब से वर्मी कंपोस्ट खाद नर्सरी को बेचने के निर्देश दिए हैं।

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