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पांच वर्षों से पढ़ाने वाले संविदा शिक्षकों को बनाया जाएगा शोध निर्देशक

 पांच वर्षों से पढ़ाने वाले संविदा शिक्षकों को बनाया जाएगा शोध निर्देशक

आगरा। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के अतिथि गृह में  मंगलवार को कार्य परिषद की बैठक हुई। इसमें तय किया गया कि पांच वर्षों से लगातार पढ़ाने वाले संविदा शिक्षकों (आवासीय परिसर के संस्थानों व संबद्ध एडेड कॉलेजों के) को भी शोध निर्देशक बनाया जाएगा।





13 मार्च 2020 को प्रमुख सचिव मोनिका एस. गर्ग की ओर से जारी किए गए शासनादेश पर कार्य परिषद की बैठक में अमल किया गया, जिसमें कहा गया है कि जब तक किसी भी विभाग में स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम चलेगा, उसमें पढ़ाने वाले संविदा शिक्षकों की सेवाएं भी बनी रहेंगी।

बैठक में आवासीय इकाई के स्थायी शिक्षकों की वरिष्ठता सूची को मंजूरी दे दी गई। प्रो. शरदचंद्र उपाध्याय, प्रो. बीपी सिंह और विश्वविद्यालय अभियंता की एक समिति का गठन किया गया है। यह समिति विश्वविद्यालय के भवनों के रखरखाव और उनके निर्माण आदि की प्रक्रिया के संबंध में आगामी 10 वर्षों की कार्य योजना बनाएगी। 


 


कार्य परिषद की अगली बैठक में समिति की आख्या रखी जाएगी। प्रो. शरदचंद्र उपाध्याय व प्रो. बीपी सिंह आवासीय शिक्षक संघ के क्रमशः अध्यक्ष व महामंत्री हैं। शिक्षक संघ ने कुछ दिन पहले भवनों के निर्माण में खर्च की जाने वाली धनराशि पर आपत्ति दर्ज कराई थी।

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