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परिषदीय स्कूलों के पुस्तकालय की बजाए एक कमरे में बंद पड़ी हैं पुस्तकें

पीलीभीत: बच्चों की शिक्षा गुणवत्ता मजबूत करने के उद्देश्य से परिषदीय स्कूलों के पुस्तकालय में पुस्तकें संजोने की पहल हुई। करीब एक साल पहले कई मनोरंजन और शिक्षाप्रद कहानियों से ओतप्रोत पुस्तकें बीआरसी पर पहुंची। शुरुआत में इन पुस्तकों का वितरण किया गया, लेकिन इसके बाद इन्हें एक कमरें में बंद कर रख दिया गया। आलम यह है कि तमाम पुस्तकें इधर-उधर बिखरी पड़ी हैं।



बेसिक शिक्षा परिषद से संचालित परिषदीय स्कूलों के बच्चों की शिक्षा गुणवत्ता मजबूत करने के दावे किए जा रहे हैं। शासन के निर्देश पर सभी परिषदीय स्कूलों में पुस्तकालय बनाए गए हैं। पूरनपुर बीआरसी क्षेत्र में भी अधिकांश परिषदीय स्कूलों में पुस्तकालय बने हैं। कई शिक्षकों ने अपने खर्च पर पुस्तकालय में पुस्तकों को भी संजोया है। बताते हैं कि करीब एक साल पहले विभाग की तरफ से भी पुस्तकालय में संजोने के लिए तमाम प्रकार की पुस्तकें बीआरसी को उपलब्ध कराई गईं। इनमें रंग बिरंगी मुर्गी, पहाड़ों का झगड़ा, आल्हा ऊदल, पानी की मौत, दादी की दिलेरेी, जादुई अंगूठी, स्वाधीनता संग्राम, सुख के आंसू, राजनीतिज्ञों के रोचक प्रसंग, बंशी की बहू, सामाजिक अध्ययन, सरल गणित, 1947, नदियों की कहानी सहित पुरानी से पुरानी कहानियों और ज्ञानवर्धक पुस्तकें हैं। पुस्तकें आने पर इनका वितरण कराने के निर्देश हुए। इसपर कुछ शिक्षकों को पुस्तकालय में संजोने के लिए पुस्तकें दे दी गईं। हालांकि जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते सभी पुस्तकों का वितरण नहीं किया गया। इससे बड़ी संख्या में पुस्तकें बीआरसी के एक कमरे में कैद होकर रह गई हैं। कई पुस्तकें तो इधर-उधर बिखरी पड़ी हैं। इससे स्कूल के छात्र इन पुस्तकों को पढ़ने से वंचित हैं। बीईओ एमएल वर्मा से इस संबंध में बात करनी चाही गई पर उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।

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