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69 हजार भर्ती के जिला लखीमपुर में 1400 नवनियुक्त शिक्षकों का वेतन आदेश जारी

 69 हजार भर्ती के जिला लखीमपुर में 1400 नवनियुक्त शिक्षकों का वेतन आदेश जारी

लखीमपुर: 69 हजार शिक्षक भर्ती में नियुक्त हुए शिक्षकों को जल्द ही वेतन मिल जाएगा। दो चरणों में हुई भर्ती में जिले में 1913 शिक्षकों की तैनाती हुई। इन शिक्षकों की तैनाती को कई महीने हो गए, लेकिन प्रमाणपत्रों का सत्यापन न हो पाने के कारण इनका वेतन नहीं निकल रहा है। शिक्षकों ने वेतन के लिए कई बार प्रार्थना पत्र दिए। इसके बाद ट्वीटर अभियान चलाया। बाद में सरकार ने निर्देश दिया कि इन शिक्षकों से एक शपथपत्र ले लिया जाए और वेतन जारी किया जाए। प्रमाण-पत्रों का सत्यापन चलता रहेगा।

जिले में तैनात हुए 1913 शिक्षकों के वेतन के लिए शासन के निर्देश पर उनसे शपथ पत्र लिए गए।



बीएसए बुद्धप्रिय सिंह के मुताबिक इन शिक्षकों के प्रमाण-पत्रों का सत्यापन चल रहा है। कोरोना संक्रमण के कारण प्रमाण-पत्रों का सत्यापन नहीं हो सका। कुछ प्रमाण पत्र ऑनलाइन सत्यापित हो गए, लेकिन इसके बाद भी तमाम शिक्षकों के प्रमाण-पत्रों का सत्यापन लटक गया। इसको देखते हुए सरकार ने निर्देश दिया कि इन शिक्षकों से एक शपथपत्र ले लिया जाए। जिसके आधार पर वेतन जारी कर दिया जाए। बीएसए ने बताया कि इन शिक्षकों का वेतन आदेश जारी कर दिया गया है। वेतन आदेश जारी कर वित्त एवं लेखाधिकारी को भेजा गया है। उधर लेखाधिकारी का कहना है कि बिल तैयार कराए जा रहे हैं। जल्द ही वेतन उनके खातों में भेज दिया जाएगा। बताया जाता है कि करीब 50 शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने अब तक शपथ-पत्र नहीं दिया है। इससे उनका वेतन आदेश जारी नहीं हो सका है, बाकी सभी के वेतन आदेश जारी हो चुके हैं।

आनलाइन पढ़ाई में नए सत्र में फीस न बढ़ाएं इंटर कालेज जिला विद्यालय निरीक्षक ने आदेश जारी किए हैं कि बोर्ड से संबंधित कोई भी इंटर कॉलेज नये सत्र 2021-22 में अपने नई फीस न बढ़ाए। डीआइओएस ओपी ने बताया कि चूंकि सभी कक्षाएं ऑनलाइन चल रही हैं, इसलिए पिछले साल की तरह वर्ष 1920 -21 के मुताबिक ही फीस रखें।

परीक्षा शुल्क, क्रीड़ा शुल्क, विज्ञान या प्रयोगशाला शुल्क, लाइब्रेरी कंप्यूटर तथा साल में होने वाले किसी भी प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम से जुड़ी कोई फीस बिल्कुल न लें। उन्होंने कहा कि यदि कोई विद्यालय ऐसा करता है तो तत्काल उनके कार्यालय में संपर्क करें।

मालूम हो कि वर्तमान में कोरोना महामारी के कारण जिले में कई विद्यालयों ने फीस बढ़ाने के प्रयास किए हैं। ऐसे में अभिभावकों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उनका तर्क है कि जब कोरोना के चलते बाजार नहीं खुले हैं, व्यक्ति का काम धंधा ठप पड़ा है तो विद्यालयों में महंगी होती जा रही फीस कैसे भर पाएंगे। विशेषकर निजी विद्यालयों में इसे देखते हुए शासन के निर्देश पर डीआइओएस ने भी जिले के बोर्ड से संबंधित सभी इंटर कालेजों को यह निर्देश दिए हैं कि वे नए सत्र में बिल्कुल फीस न बढ़ाएं।

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