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बैंक खुले या ना खुले, सैलरी अब निर्धारित दिन ही मिल जाएगी

 बैंक खुले या ना खुले, सैलरी अब निर्धारित दिन ही मिल जाएगी

नई दिल्ली : नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस (एनएसीएच) की सुविधा अब सप्ताह के सातों दिन उपलब्ध होगी। मौद्रिक नीति समीक्षा के फैसलों की जानकारी देते हुए आरबीआइ के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की। यह व्यवस्था पहली अगस्त से लागू होगी। इसका सीधा मतलब यह है कि किसी की सैलरी अब सिर्फ इस वजह से नहीं रुकेगी क्योंकि निर्धारित तिथि को बैंक बंद हैं। इसके साथ ही होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन समेत किसी भी तरह की समान मासिक किस्त (ईएमआइ) या अन्य किसी भी तरह की सावधिक देय राशि का जो दिन निर्धारित है, अब वह राशि अकाउंट से उसी दिन कट जाएगी।


वर्तमान व्यवस्था के तहत एनएसीएच का परिचालन बैंकों के कार्यदिवस में ही होता है। हालांकि लोन ग्राहकों को इसका एक फायदा यह होता है कि अगर निर्धारित तिथि को उनके खाते में ईएमआइ जितनी रकम नहीं होती है, तो बैंक छुट्टी होने और ईएमआइ अगले दिन कटने की सूरत में उन्हें खाते में इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से पर्याप्त रकम डालने के लिए कुछ घंटों की मोहलत मिल जाती है। इसकी वजह यह है कि इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से किसी भी बैंक खाते से दूसरे खाते में रकम जमा करने की सुविधा चौबीसों घंटे उपलब्ध है।

एनएसीएच सुविधा सातों दिन नहीं मिलने का बहुत से कई बार पेशेवरों को उनके खाते में वेतन, कई तरह के लाभांश और ब्याज निर्धारित तिथि को नहीं आते हैं। मसलन, अगर वेतन या लाभांश की निर्धारित तिथि को अवकाश पड़ जाता है तो खाते में वह रकम अगले दिन आती है। नई व्यवस्था के तहत बैंक खाते में मासिक वेतन भी चाहे रविवार हो या छुट्टी का कोई और दिन, उसी निर्धारित तिथि को आ जाएगा। आरबीआइ ने कहा कि ग्राहक सुविधा बढ़ाने तथा रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) का पूरा लाभ उठाने के लिए एनएसीएच की सुविधा सप्ताह के सातों दिन और चौबीसों घंटे जारी रखने का फैसला लिया गया है।

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