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आंगनबाड़ी केंद्रों के कायाकल्प के लिए नहीं बढ़े हाथ

 आंगनबाड़ी केंद्रों के कायाकल्प के लिए नहीं बढ़े हाथ

 सुल्तानपुर। आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद दिलाकर कायाकल्प करने की शासन की मंशा धरी रह गई। राज्यपाल की प्रेरणा के बाद भी केंद्रों को गोद लेने के लिए जिले में हाथ नहीं बढ़े। किसी के आगे नहीं आने से गोद लिए गए सेंटरों की संख्या 10 ही रह गई। इसकी वजह से केंद्रों के बच्चों को बेहतर सुविधाएं नहीं मिल सकी।





बाल विकास विभाग के आंगनवाड़ी केंद्रों को समाज सेवियों, व्यवसायियों, बड़े प्रतिष्ठानों व संस्थानों को करके गोद दिलाए जाने के लिए शासन ने पहल की थी। केंद्रों को गोद दिलाकर उनका कायाकल्प कराने की योजना सरकार ने बनाई है। करीब एक वर्ष पहले जिले में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शहर के एक कार्यक्रम में महाविद्यालयों के प्रबंधकों/प्राचायों को 10 आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद दिलाकर इसकी शुरुआत की थी। उन्होंने अन्य केंद्रों के लिए लोगों को प्रेरित किया था शासन की मंशा आगनबाड़ी केंद्रों को गोद दिलाकर सेंटरों की सुविधाओं में निजी क्षेत्रों के जरिए बढ़ोत्तरी को कवायद शुरू की थी। राज्यपाल की प्रेरणा के बाद भी जिले में अन्य आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेकर उनका कायाकल्प करने के लिए कोई हांथ नहीं बढ़े किसी अन्य के आगे नहीं आने से गोद लिए गए केंद्रों की संख्या सिर्फ 10 तक ही सीमित रह गई गोद नहीं लिए जाने से आंगनबाड़ी केंद्रों की सुविधाओं में बढ़ोतरी नहीं हो सकी। जिला कार्यक्रम अधिकारी विकास कुमार ने बताया राज्यपाल के कार्यक्रम के बाद अन्य किसी ने केंद्रों को गोद नहीं लिया है। चुनाव आचार संहिता की वजह से कार्य प्रभावित रहा। शासन की ओर से फिर आंगनबाड़ी केंद्रों को निजी क्षेत्र के लोगों समेत अन्य विभागों के सहयोग से कायाकल्प करने के निर्देश दिए गए हैं। इस संबंध में लोगों को प्रेरित करके उनका सहयोग लिया जाएगा।

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