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डीबीटी में सूबे में जिला अव्वल, फिर भी पांच हजार को नहीं मिली रकम


ज्ञानपुर। ठंड करीब-करीब खत्म हो चुकी है, लेकिन यूनिफार्म और स्वेटर की धनराशि का पांच हजार से अधिक बच्चे आज भी इंतजार कर रहे हैं। अभिभावकों के खाते में आज तक पैसा नहीं पहुंच सका है। वे बच्चों के लिए यूनिफार्म से लेकर जूता-मोजा आदि की व्यवस्था नहीं कर सके। शिक्षण सत्र 2021-22 समाप्ति की ओर है, ऐसे में अभिभावक चिंतित हैं।


कोरोना संक्रमण के कारण शासन ने प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालयों में पढ़ने वाले एक लाख 83 हजार बच्चों को यूनिफार्म, बैग संग जूता-मोजा व स्वेटर आदि खरीदने के लिए शासन स्तर से इस बार सीधे उनके अभिभावकों के खाते में नकद 1100 रुपये की धनराशि भेजने की व्यवस्था है। जिससे अभिभावक अपने बच्चों के लिए उनकी फिटिंग के हिसाब से यूनिफार्म तैयार करा करा लें, स्वेटर सहित अन्य सामग्री खरीद लें। जिले में संचालित प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक व कंपोजिट स्तर के 860 विद्यालयों में अध्ययनरत 1.83 लाख बच्चों को धनराशि दी जानी थी। पहले चरण में शासन स्तर से ट्रांसफर की गई धनराशि में अभिभावकों के बैंक खाता, आधार कार्ड आदि की कराई गई फीडिंग में पब्लिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम पर 42 हजार डाटा मिस मैच कर गया है। नतीजा उनके खाते में धनराशि नहीं पहुंच सकी है। हालांकि ऐसे बच्चों को भी जल्द से जल्द शासन कि सुविधा का लाभ हासिल हो सके सभी बच्चों के डाटा फीडिंग को प्राथमिकता पर प्रमाणित कर फीड कराने का निर्देश दिया गया था। विभागीय स्तर से डाटा फीड कराने का दावा भी किया जा रहा है। इसके बाद भी करीब पांच हजार बच्चों के अभिभावकों के खाते अभी भी खाली हैं। सर्व शिक्षा अभियान सामुदायिक शिक्षा के
जिला समन्वयक कल्पनाथ मिश्र ने बताया कि डीबीटी में बेहतर प्रदर्शन से जिले को सूबे में पहला स्थान मिला है। खंड शिक्षा अधिकारी के स्तर से पांच हजार से अधिक खाते नहीं सुधरे। खाता ठीक होने पर पैसा चला जाएगा।

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