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यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं शनिवार को शांतिपूर्वक संपन्न , तीन साल में सबसे कम 3.24 लाख ने छोड़ी परीक्षा

 

यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं शनिवार को शांतिपूर्वक संपन्न हो गई। खास बात यह कि बोर्ड के इतिहास में रिकॉर्ड सबसे कम समय 12 कार्यदिवसों में परीक्षा कराई गई है। इससे पहले पिछले साल मात्र 14 कार्यदिवसों में परीक्षा हुई थी। परीक्षा में 324008 परीक्षार्थी (हाईस्कूल 184986 व इंटर 139022) गैरहाजिर रहे। परीक्षा छोड़ने वालों की संख्या तीन सालों में सबसे कम है। 2023 में 450011 (हाईस्कूल 252833 व इंटर 197178) व 2022 में 434404 (हाईस्कूल 261011 व इंटर 173393) अनुपस्थित थे। इसका मुख्य कारण फर्जी परीक्षार्थियों के पंजीकरण पर प्रभावी लगाम और छात्र-छात्राओं का बोर्ड परीक्षा के प्रति बढ़ा विश्वास है।



नकल विहीन परीक्षा संपन्न होने पर यूपी बोर्ड के सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने शनिवार को बोर्ड मुख्यालय में मीडिया को बताया कि विभिन्न जिलों में परीक्षा की शुचिता प्रभावित करने वाले कुल 56 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। इस वर्ष मात्र 48 परीक्षार्थियों को नकल करते पकड़ा गया जबकि 2023 और 2022 में क्रमश 127 व 190 परीक्षार्थी नकल करते पकड़े गए थे। दूसरे के स्थान पर परीक्षा देते इस साल 37 सॉल्वर पकड़े गए जबकि 2023 और 2022 में क्रमश 133 व 47 सॉल्वर पकड़े गए थे।


11 से 15 तक प्रशिक्षण प्रयागराज। बोर्ड परीक्षा का मूल्यांकन 16 से 31 मार्च तक चलेगा। उससे पहले 11 से 15 मार्च तक पांचों क्षेत्रीय कार्यालय में उपनियंत्रकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। बोर्ड सचिव ने कहा कि मूल्यांकन केंद्रों की निगरानी भी कमांड सेंटर से होगी।


2.90 लाख से अधिक कैमरों की नजर

प्रयागराज। सभी 8265 परीक्षा केन्द्रों एवं स्ट्रांग रूम की 24 घंटे सातों दिन ऑनलाइन सतत निगरानी के लिए 1.35 लाख परीक्षा कक्षों और स्कूल परिसर में 2.90 लाख से अधिक वायस रिकार्डर युक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। स्ट्रांग रूम में प्रश्नपत्रों के रखने से पूर्व कमांड सेन्टर से स्ट्रांग रूम की कनेक्टीविटी की गहन जांच की गयी। इसमें 455 परीक्षा केन्द्रों के सीसीटीवी कैमरे लाइव नहीं थे, उन्हें तत्काल लाइव कराया गया। बोर्ड मुख्यालय के कमांड सेंटर में 60 कम्प्यूटर्स पर तीन शिफ्ट में नियुक्त 180 कर्मचारियों के माध्यम से सभी केन्द्रों एवं उनके स्ट्रांग रूम की निगरानी की जाती रही। पांचों क्षेत्रीय कार्यालयों के कमांड सेंटर से भी स्ट्रांग रूम की निगरानी की गयी। इसके अतिरिक्त सभी जिलों में अधिकारियों ने रात में स्ट्रांग रूम का निरीक्षण किया, जिससे प्रश्नपत्रों की शुचिता बनी रही। निगरानी के दौरान जिन केन्द्रों के परीक्षा कक्षों में संदिग्ध गतिविधियां परिलक्षित हुईं ऐसे 21 केन्द्रों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए यह संदेश दिया गया कि परीक्षा की शुचिता को प्रभावित करने का प्रयास किया तो कठोरतम कार्यवाही होगी। इसी क्रम में आगरा के परीक्षा केन्द्र मां चन्द्रवली रामजीलाल इंटर कॉलेज, नगला बहरावती से एक छात्र द्वारा उत्तरपुस्तिका लेकर बाहर भागने पर विद्यालय को डिबार (ब्लैक लिस्ट) किया गया। आगरा के ही एक अन्य विद्यालय श्री अतर सिंह इंटर कॉलेज, रोझौली जहां परीक्षा शुरू होने के एक घंटा 11 मिनट बाद प्रश्नपत्र को एक व्हाट्सएप ग्रुप पर भेजकर शुचिता प्रभावित करने का असफल प्रयास किया गया उसके मुख्य आरोपी विनय चैधरी सहित सभी आरोपियों को 24 घंटे के अन्दर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया तथा बोर्ड ने उस विद्यालय की मान्यता समाप्त कर दी।


पहली बार कॉपी के अंदर के पन्नों पर लोगो


उत्तर पुस्तिकाओं एवं उनके आंतरिक पृष्ठों की अदला-बदली को समाप्त करने के लिए कॉपियों पर सुरक्षात्मक क्यूआर कोड, क्रमांक संख्या के मुद्रण के साथ पहली बार उसके आंतरिक पृष्ठ पर बोर्ड का लोगो तथा प्रत्येक पृष्ठ पर पृष्ठ संख्या का मुद्रण कराया गया। इसके साथ ही सिलाईयुक्त उत्तर पुस्तिकाओं को गतवर्ष से भिन्न चार अलग-अलग रंगों में तैयार कराया गया। अराजक तत्व सोशल मीडिया पर किसी प्रकार की भ्रामक खबर प्रसारित न कर सके इसके लिए बोर्ड मुख्यालय में एक क्यूआरटी का गठन किया गया जिसके जरिए भ्रामक खबरों पर नजर रखते हुए निराकरण किया गया।

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