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स्कूल बंद तो मोहल्ला क्लास में पढ़ रहे बच्चे, 35 गांव को मिल रहा है इसका लाभ

 स्कूल बंद तो मोहल्ला क्लास में पढ़ रहे बच्चे, 35 गांव को मिल रहा है इसका लाभ

गोरखपुर : बढ़ते कोरोना संक्रमण और ठंड के कारण स्कूलों के बंद रहने से बच्चों की शिक्षा बाधित न हो इसलिए गांवों में बेसिक शिक्षा के अध्यापक प्रेरणा साथियों के सहयोग से शासन के आदेश पर मोहल्ला क्लास चला रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ गांवों में बच्चों को मोहल्ला क्लास लगाकर शिक्षा दे रहे हैं।



 
कौड़ीराम में बेला, बेलीपार, बिसटौली बुजुर्ग, सोनवापार, कतरारी, कैदहां, अईमा, गजपुर, बासूडीहा समेत कुल 35 गांवों में मोहल्ला क्लास चल रही है, तो वहीं गगहा क्षेत्र में वर्तमान में सेमरी, मेहदिया, हटवा, ठिठौली, राजपुर, नरौहा, राज्यपाल, मजूरी समेत कुल 39 गांवों में मोहल्ला क्लास का संचालन हो रहा है। हर दिन गांव में नए-नए स्थान पर मोहल्ला क्लास शुरू हो रही है। इससे प्रतिदिन मोहल्ला क्लासों की संख्या बढ़ती जा रही है। इन क्लासों में प्राथमिक विद्यालय से लेकर पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को पढ़ाया जाता है। एक हजार से अधिक बच्चे इससे लाभान्वित हो रहे हैं।
रॉकेट लर्निंग स्टार्टअप के क्रियान्वयन से बच्चों तक पहुंचा रहे शिक्षण सामग्री
जिले के हर परिषदीय विद्यालय का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है। इस ग्रुप में रॉकेट लर्निंग संस्था का सिस्टम ओरिएंटेड नंबर ऐड है। साथ ही शिक्षकों ने बच्चों के अभिभावकों के व्हाट्सएप नंबर को जोड़ा है। इन व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से ई-पाठशाला फेज 6 का क्रियान्वयन किया जा रहा है। रॉकेट लर्निंग प्रारंभिक शिक्षा के लिए शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराता है। रॉकेट लर्निंग का फोकस विशेष तौर पर कमजोर बच्चों पर है। रॉकेट लर्निंग शिक्षा की सभी सामग्री को क्षेत्रीय और ग्रामीण भाषा में बनाता है, जिससे बच्चें और अभिभावक उसको आसानी से समझ सकते हैं। शिक्षा सामग्री को बच्चों तक वाट्सएप के जरिये पहुंचाया जा रहा है।
 
 
मोहल्ला क्लास में बच्चों की बढ़ाई जा रही पढ़ाई में ललकबता दें कि, कोरोना संक्रमण के चलते पिछले दो सालों से स्कूल बंद है। सबसे ज्यादा प्राइमरी के बच्चों को परेशानी हो रही है। वे अब पढ़ना, लिखना भूल गए है। स्कूल बंद होने के कारण बच्चों का ज्यादातर समय खेलने में है। मोहल्ला क्लास में निपुण भारत मिशन के तहत कक्षा पहली से तीसरी के बच्चों को पढ़ाने की ललक बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। इस योजना के तहत कक्षा पहली से तीसरी तक के बच्चों को बेसिक शिक्षा के साथ-साथ संख्यात्मक ज्ञान दिया जा रहा है।

गगहा के एसआरपी रामस्नेही प्रजापति, गौरव श्रीवास्तव, संदीप नायक एवं कौड़ीराम के एआरपी रामराज, देवेंद्र गुप्ता, अमिताभ मिश्रा ने बताया कि ई पाठशाला फेज 6 एवं निपुण भारत मिशन के अंतर्गत 100 दिनों की रीडिंग कैंपेन चलाकर मोहल्ला क्लास में बच्चों की पढ़ाई के प्रति ललक उत्पन्न की जा रही है।प्राथमिक विद्यालय बेला के शिक्षक संजय यादव ने कहा कि गांव के लोग भी रुचि लेकर अपने बच्चों को मोहल्ला क्लास में पढ़ने के लिए भेज रहे हैं। प्रेरणा साथी भी अध्यापकों का सहयोग कर रहे हैं। रोजाना 15 से 20 बच्चे पढ़ाई करने आते हैं।

कंपोजिट विद्यालय सोनवापार की शिक्षिका चंद्रकांति गुप्ता ने कहा कि  पढ़ना सीखने का मुख्य आधार है। जनवरी, 2022 से 100 दिन का रीडिंग कैंपेन शुरू किया गया है। मोहल्ला क्लास में इस अभियान के तहत बच्चों को स्वतंत्र रूप से पुस्तकें पढ़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, जिससे उनमें रचनात्मक व आलोचनात्मक चिंतन भी विकसित हो सके।
अईमा प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका ज्योति मिश्रा ने कहा कि पिछले दो सालों से बच्चों की पढ़ाई काफी प्रभावित हुई है। स्कूल बंद होने से अच्छे बच्चे भी पढ़ना, लिखना भूल जाते हैं। मोहल्ला क्लास से बच्चों के बीच पढ़ाई की ललक बन रही है। क्विज एवं गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को मोहल्ला क्लास में न्यूनतम दक्षता से जोड़ा जा रहा है।

गगहा एआरपी रामस्नेही प्रजापति ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसलिए मोहल्ला क्लास चलाए जा रहे हैं। व्हाट्सएप ग्रुपों पर ई-पाठशाला के क्रियान्वयन के साथ-साथ मोहल्ला क्लास में रॉकेट लर्निंग स्टार्टअप, 100 दिनों की रीडिंग कैंपेन, आसान ग्रामीण भाषा में उपलब्ध ऑनलाइन शिक्षण सामग्री की मदद से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है।

गोरखपुर बीएसए रमेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि बेसिक स्कूलों के अध्यापक कोरोना गाइडलाइंस के साथ बच्चों को शिक्षा देने के लिए मोहल्ला क्लास शुरू किए हैं। गांवों में अध्यापक एवं प्रेरणा साथी मोहल्ला क्लास चलाकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं। प्रयास हैं कि ज्यादा से ज्यादा मोहल्ला क्लास चलाई जाए ताकि बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो।

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