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75 साल से कम अवधि वाले स्कूलों को भी मौका


लखनऊ। प्रोजेक्ट अलंकार को लेकर सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों की कम रुचि को देखते हुए शासन ने 75 साल की अवधि से कम वाले जर्जर स्कूलों को भी योजना में शामिल करने का फैसला किया है। गौरतलब है कि रजिस्ट्रेशन कराने वाले 1035 विद्यालयों में से 284 ने अपने आवेदन सब्मिट किए, जिसमें से मात्र 238 ने ही 25 फीसदी राशि देने पर सहमति दी है।

योजना के लिए शासन ने 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसमें 75 साल पुराने जर्जर एडेड विद्यालयों की मरम्मत, पुनरोद्धार, पुनर्निर्माण, अवस्थापना सुविधाओं के लिए आवेदन मांगे गए हैं। जिला स्तरीय कमेटी की रिपोर्ट के बाद निर्माण आदि में आने वाले खर्च का 75 फीसदी पैसा शासन और 25 फीसदी प्रबंधन को देना होता है। चूंकि योजना में विद्यालयों के आवेदन की संख्या कम होने पर शासन ने इसका दायरा बढ़ा दिया है।


माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने कहा कि आवेदन कम होने का एक कारण 75 साल की अवधि वाले विद्यालयों का ही चयन भी है। इसके लिए निधार्रित अंतिम तारीख 20 जुलाई को बढ़ाकर 14 अगस्त तक किया गया है। इसके साथ ही डीआईओएस से कहा गया है कि 75 साल से कम अवधि वाले जर्जर स्कूलों के चयन के निर्देश दिए गए हैं।



47 विद्यालय ही 75 साल या अधिक वाले

माध्यमिक शिक्षा विभाग को मिले अब तक के आवेदन में मात्र 47 विद्यालय ही 75 साल या उससे अधिक की अवधि वाले हैं। इन्होंने 25 फीसदी राशि देने की सहमति दी है। इसे देखते हुए विभाग ने पूर्व में आए आवेदनों के विधिवत परीक्षण कर जिला स्तरीय समिति की संस्तुति के साथ प्रस्ताव 10 अगस्त तक उपलब्ध कराने को कहा है।

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