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शिक्षकों के लिए आसान नहीं होगा ब्लाक से बाहर जाना और मनचाहे स्कूल में तैनाती पाना, जानिए क्यों?

सोनभद्र। परिषदीय विद्यालयों में तैनात शिक्षकों के जिले के अंदर तबादले को लेकर शासन ने नीति घोषित कर दी है। तबादले में शिक्षकों को सबसे पहले अपने ब्लाक के विद्यालयों का चयन करना होगा। ब्लाक के स्कूल शिक्षकों से परिपूर्ण होने के बाद ही अन्य ब्लाकों में तबादले के लिए आवेदन का मौका मिलेगा। नगरीय क्षेत्र के शिक्षकों के तबादले नगरीय क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षक ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में ही तैनाती पा सकेंगे। नियमों के तहत चोपन, म्योरपुर, दुद्धी, बभनी और नगवां ब्लाक के शिक्षकों के लिए मनचाहे ब्लाक में तैनाती की आस को झटका लगा है। इन ब्लाकों में शिक्षकों की काफी कमी है। सबसे ज्यादा एकल अध्यापकीय विद्यालय इन्हीं ब्लाकों में हैं।


जिले में संचालित 2061 परिषदीय विद्यालयों में पंजीकृत 2.67 लाख बच्चों के सापेक्ष करीब साढ़े चार हजार शिक्षक तैनात हैं। शिक्षा का अधिकार कानून के मानकों के तहत करीब साढ़े तीन हजार से अधिक शिक्षकों के पद खाली हैं। इसके बावजूद तमाम स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती असंतुलित हैं। नगरीय क्षेत्र व सड़क से सटे विद्यालयों में पर्याप्त शिक्षक हैं, जबकि दूरदराज वाले स्कूलों में एक या दो शिक्षकों सैकड़ों बच्चों को पढ़ा रहे हैं। शिक्षकों की तैनाती में इस असंतुलन के लिए वर्षों से तबादला प्रक्रिया पर लगी रोक को मुख्य कारण माना जाता रहा है। अब शासन ने जिले के अंदर तबादले की मंजूरी के बाद इसके लिए नीति भी घोषित कर दी है। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार की ओर से जारी शासनादेश में निर्देश है कि बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया ग्रामीण क्षेत्र से ग्रामीण और नगर से नगर संवर्ग में ही होगी।

किसी भी आवश्यकता वाले स्कूल से शिक्षकों का स्थानांतरण या समायोजन नहीं होगा। अधिक अध्यापक वाले व शिक्षकों की जरूरत वाले विद्यालयों को चिन्हित करके वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा और सबसे पहले सरप्लस शिक्षकों से 25 विद्यालयों का विकल्प लेकर तबादला किया जाएगा। जरूरत वाले ऐसे विद्यालय जहां के लिए एक ही आवेदन मिला है, का स्थानांतरण होगा। स्वेच्छा से एक से अधिक आवेदन मिलने पर शिक्षकों की वरिष्ठता व भारांक के आधार पर तबादले होंगे। स्थानांतरण, समायोजन में किसी तरह की अनियमितता मिलने पर बीएसए पूरी तरह से उत्तरदाई होंगे।
बेसिक शिक्षा विभाग समायोजन करने की तैयारी में जुट गया है, लेकिन अभी तक शिक्षकों को ऑनलाइन आवेदन करने के लिए पोर्टल ही नहीं खुला है।




दो वर्ष से कम सेवा पर शिक्षकों का तबादला नहीं
सोनभद्र। बेसिक शिक्षा विभाग की मानें तो ऐसे अध्यापक या अध्यापिका जिनकी सेवा अवधि आनलाइन आवेदन करने की अंतिम तारीख को दो वर्ष से कम होगी तो उन्हें समायोजन प्रक्रिया से अलग रखा जाएगा। ऑनलाइन पोर्टल पर ऐसे शिक्षक स्वेच्छा से आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। जिले के अंदर समायोजन व स्थानांतरण के लिए जल्द ही एनआईसी के माध्यम से पोर्टल खोला जाएगा। सरप्लस चिन्हित शिक्षकों को वरिष्ठता के आधार पर अवरोही क्रम में रखा जाएगा ऐसे ही जिन विद्यालयों में शिक्षकों की जरूरत है उन्हें भी अवरोही क्रम में सूचीबद्ध किया जाएगा, तब उनका समायोजन होगा।



तबादलों के लिए समिति गठित होगी
सोनभद्र। शासन ने हर जिले में स्थानांतरण व समायोजन के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित करने का निर्देश दिया है। जिलाधिकारी अध्यक्ष, मुख्य विकास अधिकारी उपाध्यक्ष, बेसिक शिक्षा अधिकारी सदस्य सचिव होंगे। प्राचार्य जिला एवं प्रशिक्षण संस्थान और वित्त एवं लेखाधिकारी (बेसिक शिक्षा) सदस्य होंगे।
अलग-अलग श्रेणियों के लिए भारांक निर्धारित
सोनभद्र। समायोजन में कुछ शिक्षकों को वरीयता मिलेगी। सेवा के प्रत्येक वर्ष के लिए एक अंक और अधिकतम -10, असाध्य या गंभीर रोग पीड़ित शिक्षक (पति-पत्नी, अविवाहित पुत्र-पुत्री) - 15, दिव्यांग शिक्षक (पति-पत्नी, अविवाहित पुत्र-पुत्री) - 10, शिक्षक जिनके पति या पत्नी सरकारी सेवा (केंद्र सरकार, भारतीय थल, वायु व नौसेना, केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल, प्रदेश सरकार, बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन) - 10, एकल अभिभावक (पुत्र व पुत्रियों का अकेले पालन करने वाले) - 10, . महिला अध्यापिका - 05, राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक - 05, राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षक - 03 अतिरिक्त अंक मिलेंगे।
शासन के निर्देशानुसार जिले में शिक्षकों के समायोजन/स्थानांतरण की प्रक्रिया पूरी होगी। समायोजन के लिए शिक्षकों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा, लेकिन अभी तक पोर्टल नहीं खुला है। -हरिवंश कुमार, बीएसए

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