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फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी करने वाली शिक्षिका के फर्जीवाड़े का भंडाफोड़, ऐसे खुली पोल

 फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी करने वाली शिक्षिका के फर्जीवाड़े का भंडाफोड़, ऐसे खुली पोल

कन्नौज। फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी करने वाली शिक्षिका के फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ गुमनाम शिकायती पत्र ने कर दिया। बताया जाता है यह गुमनाम पत्र कन्नौज जिले के ही किसी जानकार द्वारा ही भेजा गया था। गुमनाम पत्र मिलते ही शिक्षिका के खिलाफ विभागीय जांच शुरू हो गई है। सबसे बड़ा सवाल अब यही उठ रहा है कि मिर्जापुर के जेडी कार्यालय में किसने गुमनाम लेटर भेजकर फर्जीवाड़े की पोल खोल कर रख दी।



अब तीन सदस्यीय टीम शिक्षिका के अभिलेखों की जांच कर रही है। साल 2002 के कार्यकाल के दौरान जिले में बीएसए रहे कामताराम पाल मौजूदा समय विंध्याचल मंडल के संयुक्त शिक्षा निदेशक (जेडी) के पद पर तैनात हैं। करीब 15 दिन पहले जेडी कामताराम पाल के दफ्तर में एक गुमनाम शिकायती पत्र डाक के जरिये पहुंचा। इसमें लिखा गया था कि लंदन में रहने वाली प्रियंका के फर्जी दस्तावेज लगाकर कन्नौज जिले की एक अन्य प्रियंका नाम की लड़की फर्जी तरीके से नौकरी कर रही है। सीओ शिव प्रताप सिंह ने बताया कि प्रकरण की विभागीय जांच चल रही है।

गुमनाम लेटर मिलने के बाद सहायक अध्यापिका की सेवा पुस्तिका में दर्ज पते पर जेडी दफ्तर की ओर से एक सत्यापन पत्र डाक के जरिये भेजा गया। गुरुवार को सत्यापन पत्र डाक के जरिये लंदन में रह रही प्रियंका प्रजापति के पिता डॉ. मनोज कुमार के घर पहुंचा। शुक्रवार को पिता डॉ. मनोज कुमार ने एसपी प्रशांत वर्मा को प्रार्थना पत्र देकर पूरे मामले की जानकारी दी और फर्जी दस्तावेजों के जांच कराने की मांग की।

वहीं मिर्जापुर जिले के पहाड़ी क्षेत्र के राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक भरपुरा में सहायक अध्यापिका के पद पर तैनात शिक्षिका प्रियंका ने उप शिक्षा निदेशक कार्यालय में 180 दिन के मातृत्व अवकाश की मांग की थी। विंध्याचल मंडल मिर्जापुर के उप शिक्षा निदेशक चंद्रजीत सिंह यादव ने 22 नवंबर से 19 मई तक के मातृत्व अवकाश की स्वीकृत दे दी है।

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