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DBT : अभिभावकों की लापरवाही और बैंको की मनमानी की सजा भुगत रहे बेसिक शिक्षक

 DBT : अभिभावकों की लापरवाही और बैंको की मनमानी की सजा भुगत रहे बेसिक शिक्षक

बैंकों की मनमानी के चलते सूबे परिषदीय स्कूलों के बच्चे ड्रेस से वंचित, विभाग के दबाव से शिक्षक परेशान

परिषदीय स्कूलों के कई बच्चों को डीबीटी की राशि का अभी भी इंतजार है। बैकों द्वारा अभिभावकों के खातों को आधार से लिंक नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण शासन से बार-बार डाटा रिजेक्ट में आ रहा है। बीएसए एवं ब्लॉक के बीईओ द्वारा बार-बार बैंकों को पत्र लिखा जा रहा है। मगर अभी तक उक्त खातों को आधार से लिंक नहीं किया गया है। शिक्षक भी बैंकों के चक्कर लगा रहे हैं। कई जिलों में अभिभावकों और बैंक कर्मियों की लापरवाही से शिक्षकों पर कार्यवाहियां भी शुरू कर दी गई हैं।

बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में शासन द्वारा बच्चों को ड्रेस, स्वेटर, बैग और जूते-मौजों की राशि खरीदने के लिए 1100-1100 रुपये दिए जा रहे हैं।

विभाग के अनुसार बैंकों में पहुंचकर प्रार्थना पत्र के साथ आधार कार्ड दे रहे हैं, मगर संबंधित बैंक कर्मचारियों को खातों को आधार से लिंक करने में देरी की जा रही है। बीएसए द्वारा भी लीड बैंक मैनेजर और बीईओ द्वारा संबंधित बैंकों को कई बार पत्र जारी किया जा चुका है, मगर विभाग के सामने समस्या यह समस्या लगातार आ रही है। बैंकों की मनमानी के कारण बच्चों का पैसा अभी तक शासन में फंस हुआ है।

बताया गया कि अभी तक इन बच्चों के अभिभावक ड्रेस, जूते-मौजे, स्वेटर और बैग नहीं खरीद सके हैं। अभिभावक भी राशि के लिए बैंकों के चक्कर काट रहे हैं।

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