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साहब! गिरकर हाथ टूट गया, मेरी ड्यूटी काट दीजिए

चंदौसी। साहब! कल में गिर गया और मेरा हाथ टूट गया है। हाथ में प्लास्टर बंधा है। मेरी ड्यूटी काट दीजिए, मेरा छह माह का बच्चा है। दूध पीता है, ऐसे में मैं कैसे ड्यूटी कर सकती हूं, मैं हाथ जोड़ती हूं, मेरी ड्यूटी हटा दीजिए। कुछ ऐसे ही कर्मचारी अपनी ड्यूटी कटवाने के लिए गुहार लगाते नजर आए।


रविवार को बहजोई में रजपुरा रोड स्थित नवीन पुलिस लाइन में पोलिंग पार्टियां रवानगी के दौरान कंट्रोल रूम और अधिकारियों से चुनाव ड्यूटी कटवाने के लिए कर्मचारी फरियाद करते दिखाई दिए। पर किसी अधिकारी ने उनकी फरियाद नहीं सुनी। जिम्मेदारी अधिकारी सीट से गायब रहे और शिकायत सुनने के लिए एक दूसरे पर टालते रहे।

केस- एक:
जनपद के कस्बा बबराला निवासी आलोक शिक्षक हैं। उनकी रिजर्व में पीठासीन अधिकारी के रूप में ड्यूटी लगाई गई है। उन्होंने प्रशिक्षण भी पूरा लिया था और ड्यूटी के लिए तैयारी थे। बताया कि शनिवार को वह बाइक से घर जा रहे थे। रास्ते में बाइक फिसल गई और गिरने से दायीं हाथ में कोहनी के नीचे फैक्चर हो गया। हाथ पर प्लास्टर बंधा है। बोले, ऐसे में कैसी ड्यूटी कर सकता हूं। ड्यूटी कटवाने को वहां तैनात अधिकारियों से खूब गुहार लगाई, पहले उन्हें आश्वासन दे दिया गया। पर शाम तक आलोक की ड्यूटी नहीं काटी गई।
केस-दो:
गाजियाबाद निवासी आकांक्षा परिषदीय विद्यालय में शिक्षक हैं। पति भी नौकरी करते हैं। आकांक्षा की चुनाव में ड्यूूटी लगी है और पीठासीन अधिकारी प्रथम बनाया गया है। आकांक्षा ने अधिकारी के हाथ जोड़ते हुए बोली, साहब छह माह का बेटा है। वह मेरा दूध पीता है। ऐसे में मैं बच्चे के साथ कैसे ड्यूटी कर सकती हूं। उसे में घर पर नहीं छोड़ सकती। इसके बावजूद अधिकारी ने एक भी न सुनी और काफी देकर तक अधिकारी के चक्कर लगाती रही।
कर्मचारियों की खूब हुई नोकझोंक
ड्यूटी कटवाने के लिए वहां काफी संख्या में कर्मचारी दिनभर अपनी शिकायत लेकर भटकते रहे। जिम्मेदार अधिकारी अपनी सीट से गायब रहे। वहां उनके स्थान पर बैठे अधिकारी एक-दूसरे के ऊपर ड्यूटी काटने की बात कहकर पल्ला झाड़ते रहे। इस दौरान कुछ कर्मचारियों की अधिकारियों के साथ नोकझोंक भी हुई।

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