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परिषदीय शिक्षक हैं या सुपर मैन, कभी पंचायत चुनाव की ड्यूटी, तो कभी विद्यालय में आपरेशन कायाकल्प, विद्यार्थियों का नामांकन, गर्मियों की छुट्टियों में आनलाइन पढ़ाई और फिर आनलाइन प्रशिक्षण।

 परिषदीय शिक्षक हैं या सुपर मैन, कभी पंचायत चुनाव की ड्यूटी, तो कभी विद्यालय में आपरेशन कायाकल्प, विद्यार्थियों का नामांकन, गर्मियों की छुट्टियों में आनलाइन पढ़ाई और फिर आनलाइन प्रशिक्षण।

हम परिषदीय शिक्षक हैं या सुपर मैन, कभी पंचायत चुनाव की ड्यूटी, तो कभी विद्यालय में आपरेशन कायाकल्प, विद्यार्थियों का नामांकन, गर्मियों की छुट्टियों में आनलाइन पढ़ाई और फिर आनलाइन प्रशिक्षण। आजकल सभी बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक यही सवाल पूछ रहे हैं क्योंकि 15 अप्रैल को पंचायत चुनाव मतदान, दो मई को मतगणना के साथ उन्हें 16 जून तक अपने सभी आनलाइन प्रशिक्षण पूरे करने हैं।

प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला महामंत्री बृजेश दीक्षित का कहना है कि वर्तमान में परिषदीय शिक्षकों की ड्यूटी पंचायत चुनाव में लगी है, वह उससे पहले लगातार इसका प्रशिक्षण ले रहे हैं। इसके बाद दो मई को मतगणना होगा और 20 मई से विद्यालयों में गर्मी की छुट्टियां हो जाएंगी। ऐसा लगता है कि शासन और विभाग ने शिक्षकों को सुपरमैन समझ लिया है।

जिला समिति देगी अवकाश की स्वीकृति
प्राथमिक शिक्षक संघ जिला मंत्री हरिओम यादव का कहना है कि ज्यादातर जिलों में शिक्षकों के अवकाश रद्द किए गए हैं। जिले में शिक्षिकाओं को बाल्य देखरेख अवकाश (सीसीएल) और चिकित्सा अवकाश भी 30 मई तक रद्द कर ड्यूटी पर वापस लौटने का आदेश जारी किए गए हैं कि चिकित्सकीय आधार पर सिर्फ उन्हें ही छुट्टी दी जाएगी, जो जिलाधिकारी द्वारा गठित कमेटी के परीक्षण में स्वीकृति पाएगा। इससे शिक्षक आक्रोशित हैं क्योंकि उन्हें पिछले वर्ष भी गर्मी की छुट्टियों में कोरोना संक्रमण में आइसोलेशन सेंटर व स्क्रीनिंग सेंटर आदि में ड्यूटी करनी पड़ी थी। ऑनलाइन कक्षाएं ली थीं।

प्रशिक्षण दे रहा तनाव

एक शिक्षिका नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हमने कई कोर्स किए हैं, लेकिन विद्यार्थी विद्यालय में ही न आए, तो उनकी प्रयोगात्मक परीक्षा नहीं हो पाएगी। अब शासन ने नए कोर्स करने के लिए भी सूची जारी कर दी गई हैं। पंचायत चुनाव में ड्यूटी अलग से लगा दी गई है, ऐसे में हम कैसे कोर्स कर पाएंगे, यह नहीं समझ पा रहे। 

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