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छात्र नहीं पढ़ेंगे उद्योग पर सरकारी नीतियों का प्रभाव, कक्षा आठ के विज्ञान से पांच अध्याय हटाए

 छात्र नहीं पढ़ेंगे उद्योग पर सरकारी नीतियों का प्रभाव, कक्षा आठ के विज्ञान से पांच अध्याय हटाए

कक्षा आठ के विज्ञान से पांच अध्याय हटाए


एनसीईआरटी ने कक्षा आठ की विज्ञान की किताब से पांच अध्याय संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक, पदार्थ धात और अधातु, कोशिका संरचना एवं प्रकार्य, तारे एवं सौर परिवार, वायु तथा जल का प्रदूषण पूरी तरह से हटा दिया है। कक्षा सात के विज्ञान की किताब से भी पांच पाठ रेशों से वस्त्र तक, मौसम, जलवायु तथा जलवायु के अनुरूप जंतुओं द्वारा अनुकूलन, पवन, तू़फान और चक्रवात, मृदा एवं जल एक बहुमूल्य संसाधन हटाए गए हैं। इसके अलावा छह से आठ तक की किताबों के अन्य विषयों में भी कटौती की गई है।





● एनसीईआरटी ने नए सत्र में वाणिज्य के कोर्स में किया बदलाव

● वित्तीय विवरणों का विश्लेषण, वित्तीय बाजार भी हटाया गया

प्रयागराज, सीबीएसई और यूपी बोर्ड से 12वीं कर रहे कॉमर्स के छात्र अब उद्योग पर सरकारी नीतियों का प्रभाव नहीं पढ़ेंगे। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने शैक्षिक सत्र 2023-24 के लिए पाठ्यक्रम में जो कटौती की है, उसमें ‘व्यवसाय अध्ययन-प्रबंध के सिद्धांत और कार्य भाग-1‘ की किताब में व्यावसायिक पर्यावरण अध्याय से ‘व्यवसाय एवं उद्योग पर सरकारी नीतियों का प्रभाव’ एवं निर्देशन अध्याय से ‘अच्छे नेतृत्वकर्ता के गुण’ टॉपिक को हटाया गया है।

इसी प्रकार ‘व्यवसाय अध्ययन – व्यवसाय, वित्त और विपणन भाग-2’ की किताब से वित्तीय बाज़ार पाठ एवं उपभोक्ता संरक्षण अध्याय से ‘उपभोक्ता संगठनों एवं गैरसरकारी संगठनों की भूमिका’ टॉपिक को हटाया है। ‘लेखाशास्त्रत्त्-अलाभकारी संस्थाएं एवं साझेदारी खाते भाग-एक’ शीर्षक किताब से अलाभकारी संस्थाओं के लिए लेखांकन अध्याय को हटा गया है।

‘लेखाशास्त्र-कंपनी खाते एवं वित्तीय विवरणों का विश्लेषण’ की किताब से वित्तीय विवरणों का विश्लेषण हटा दिया गया है। 11वीं की किताब ‘लेखाशास्त्र-वित्तीय लेखांकन भाग-1’ से विनिमय विपत्र जबकि भाग-2 से अपूर्ण अभिलेखों से खाते, लेखांकन में कंप्यूटर का अनप्रुयोग, कम्प्यूटरीकृत लेखांकन प्रणाली अध्याय पूरी तरह से हटा दिया गए हैं।

ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा मुगल दरबार का मुद्दा एनसीईआरटी की ओर से 12वीं इतिहास की किताब से मुगल दरबार (लगभग सोलहवीं और सत्रहवीं शताब्दियां) को हटाने का मुद्दा ट्विटर पर छाया हुआ है। सोमवार शाम छह बजे मुगल हैशटैग के साथ पांचवें नंबर पर ट्रेंड कर रहा था। अध्याय को हटाने के समर्थन और विरोध में लोग अपने-अपने तर्क रख रहे हैं।

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