Header Ads

संसाधनों की कमी के चलते कस्तूरबा विद्यालय में पढ़ाई पर गहराया संकट

 संसाधनों की कमी के चलते कस्तूरबा विद्यालय में पढ़ाई पर गहराया संकट

संसाधनों की कमी से कस्तूरबा विद्यालयों के संचालन में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए सोमवार को एक बैठक प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश कुमार की अध्यक्षता में हुई। उन्होंने कस्तूरबा विद्यालयों की विद्यालयवार जानकारी ली और लेखा कार्यो को दुरुस्त रखने के निर्देश दिए। वार्डन व लेखाकारों को लेखा सम्बन्धी कार्यों के बारे में सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी केएन चौहान ने विस्तारपूर्वक बताया।


जिला समन्वयक राजेश सिंह ने बैठक में सभी कस्तूरबा विद्यालयों के छात्राओं की संख्या की जानकारी दी और संसाधनों की कमी के बारे में बताया। उन्होंने बच्चियों की संख्या में बढ़ोत्तरी लाने के लिए की जाने वाली पहल की जानकारी दी।

नए टेण्डर नहीं हो पाने से आ रही अड़चन: कस्तूरबा विद्यालयों में खान- पान, स्टेशनरी, जूता मोजा जैसे सामानों की आपूर्ति टेण्डर के माध्यम से होती है। टेण्डर का अनुमोदन नहीं हो पाने के कारण टेण्डर नहीं हो पाया है जबकि पुराने ठेके मार्च के महीने में ही समाप्त हो चुके हैं।

डीएम स्तर से हो रही धनराशि की व्यवस्था: प्रभारी बीएसए ने बताया कि डीएम स्तर से सभी कस्तूरबा विद्यालयों को कुछ धनराशि की व्यवस्था कराई जाएगी। इसके क्रम में कार्यवाही शुरू कर दी गई है। ताकि आवश्यक इंतजाम करके बच्चियों को स्कूल आने के लिए कहा जाए और ठहराकर शैक्षणिक कार्यों को बढ़ावा दिया जाए।

स्कूलों में ठहर नहीं पा रही बच्चियां : खाने-पीने, नहाने धोने आदि तक के संसाधनों की कमी के चलते स्कूल में बच्चियां ठहर नहीं पा रही। पढ़ाई पर ग्रहण लगा हुआ है। छात्राओं की संख्या लगातार घट रही है। लाख कोशिशों के बाद भी संख्या नहीं बढ़ी।

कोई टिप्पणी नहीं