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कोरोना के बाद डिजिटल संक्रमण की चपेट में पढ़ाई: पढ़ाई से जी चुरा रहे बच्चे, काउंसिलिंग में बच्चों में दिखा बदलाव

 कोरोना के बाद डिजिटल संक्रमण की चपेट में पढ़ाई: पढ़ाई से जी चुरा रहे बच्चे, काउंसिलिंग में बच्चों में दिखा बदलाव

कोरोनाकाल में लंबे समय तक स्कूल से दूर रहे बच्चे अब पढ़ाई से जी चुरा रहे हैं। कहने के लिए तो स्कूल जा रहे हैं, लेकिन उनका पढ़ाई में जरा भी मन नहीं लग रहा है। मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों ने जब सीबीएसई, आइसीएसई और यूपी बोर्ड के विद्यालयों में जाकर कक्षा छह से 12 तक के बच्चों से अलग-अलग मिलकर काउंसलिंग की तो उन्हें उनकी प्रकृति में बदलाव देखने को मिला। बच्चे पढ़ाई से जी चुराते नजर आए।


इस दौरान अधिकतर बच्चों में मोबाइल की लत देखने को मिली। विशेषज्ञों के अनुसार बच्चे बड़े-बड़े ओहदे पाने का सपना तो देख रहे हैं, लेकिन उसे पूरा करने के लिए इंटरनेट मीडिया का सहारा ले रहे हैं। कोरोना के बाद बच्चों की पढ़ाई डिजिटल संक्रमण की चपेट में आ गई है।

बच्चों ने पूछे यह सवाल: टीम से बच्चों ने सवाल कर अपनी जिज्ञासा शांत की। किसी ने सवाल याद करने का तरीका पूछा तो किसी ने पूछा कि सुबह उठने का मन नहीं करता, इसके लिए क्या करना चाहिए। कुछ ने पढ़ाई में रुचि पैदा करने के बारे में सवाल किये तो किसी ने करियर संवारने के उपाय पूछे।

विशेषज्ञों ने दिए ये टिप्स: विशेषज्ञों ने बच्चों को कई तरह के टिप्स दिए। इनमें खासतौर से एकाग्रचित्त होकर पढ़ाई करने के लिए जहां नियमित अनुलोम-विलोम करने पर जोर दिया वहीं पढ़ी गई बातें याद करने के लिए बोलकर पढ़ने का सुझाव दिया। एक-एक घंटे पर पढ़े गए पाठों की पुनरावृत्ति करने को भी कहा।

’ मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र की टीम की काउंसिलिंग में सामने आईं चौकाने वाली बातें

’सीबीएसई, आइसीएसई व यूपी बोर्ड के स्कूलों में जाकर काउंसिलिंग कर रही टीम

सामने आ चुके हैं ये मामले
मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र की टीम पिछले एक माह में शहर के लगभग 30 स्कूलों में जाकर बच्चों की काउंसिलिंग कर चुकी है। इसमें बच्चों की पढ़ाई से जुड़ी कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। टीम को जहां बच्चों में आत्मविश्वास की कमी मिली है वहीं कई छात्रों के अंदर सीखने की प्रवृत्ति का भी अभाव देखने को मिला। किताब से पढ़ने की बजाय छात्र गूगल से प्रश्नों का उत्तर लिखने में रुचि दिखा रहे हैं। याद की हुई बातें भी जल्द भूल जा रहे हैं। कक्षाओं में एकाग्रचित्त होकर पढ़ने की बजाय उनका ध्यान इधर-उधर रह रहा है।

कोरोनाकाल के बाद स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो चुकी है। इस दौरान छात्रों में काफी बदलाव देखने को मिल रहे हैं, अधिकतर छात्र पढ़ाई से जी चुराते हुए मिले। उनकी रुचि पढ़ाई में कम मोबाइल के प्रयोग में अधिक दिखी।

डा.हिमांशु पांडेय, विशेषज्ञ, मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र

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