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कैसे बने मिड-डे मील, प्रधान ने रख लिए प्रधान ने रख लिए सिलिंडर और बर्तन:- कुछ निवर्तमान ग्राम प्रधानों ने स्कूलों को न बर्तन दिए और न ही गैस सिलिंडर, शिक्षक परेशान, बच्चे भूखे रहने को मजबूर

 कैसे बने मिड-डे मील, प्रधान ने रख लिए प्रधान ने रख लिए सिलिंडर और बर्तन:- कुछ निवर्तमान ग्राम प्रधानों ने स्कूलों को न बर्तन दिए और न ही गैस सिलिंडर, शिक्षक परेशान, बच्चे भूखे रहने को मजबूर

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की घोषणा के साथ ही प्रधानों ने प्राइमरी और जूनियर स्कूलों में खेल करना शुरू कर दिया है। शिक्षकों के आग्रह के बावजूद कुछ ग्राम प्रधान मिड डे मील पकाने के बर्तनों और गैस सिलिंडर व रेगुलेटर देने को तैयार नहीं है। ग्राम प्रधान कह रहे हैं कि वे पंचायतों का गठन होने के बाद प्रस्ताव कर फिर से सरकारी मदद से बर्तन और सिलिंडर आदि खरीद लें। कई शिक्षकों ने बीईओ से शिकायत कर बर्तन और सिलिंडर दिलाने की मांग की है। 


शिक्षकों ने कुछ ग्राम प्रधानों पर आरोप लगाया है कि प्रधान उन्हें गैस सिलिंडर और रेगुलेटर नहीं दे रहे हैं। केवल गैस की किताब दी है। उनसे कहा जा रहा है कि वह चोरी की तहरीर देकर फिर से सिलिंडर और मिड डे मील के बर्तन खरीद लें। गैस एजेंसी प्रबंधकों ने कहा है कि वे तब तक गैस नहीं देंगे। जब तक शिक्षकों की ओर से पुलिस में रिपोर्ट कायम नहीं कराई जाएगी। प्रक्रिया के तहत सिलिंडर नहीं दिया जा सकता।

वहीं शिक्षक पुलिस में रिपोर्ट कायम कराने को तैयार नहीं हो रहे हैं। बताया गया कि बिजनौर के धामपुर विकास क्षेत्र में करीब 250 प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूल है। अधिकांश स्कूलों में प्रधानों की ओर से शिक्षकों के सामने एक जैसी परेशानी पैदा कर रखी है। शिक्षकों का कहना है कि वह प्रधानों से इस मामले को लेकर झगड़ा करने के पक्ष में नहीं है। हालांकि अभी चुनाव कार्यक्रम घोषित नहीं हुआ है लेकिन, 24 से 26 मार्च के बीच चुनाव आचार संहिता लगने की संभावना है। ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों को पंचायतों का प्रशासक बना दिया गया है। 


उधर, खंड शिक्षा अधिकारी योगेश पाल सिंह का कहना है कि यह बात सही है कि शिक्षकों द्वारा बीआरसी कार्यालय में शिकायत की जा रही हैं। उनके द्वारा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को अवगत करा दिया है। लेकिन अभी तक बीएससी द्वारा इस मामले में दिशा निर्देश नहीं दिए गए हैं। जो आदेश होगा। अमल किया जाएगा।

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