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सहायक अध्यापिका पर दिनदहाड़े हुआ कातिलाना हमला, शिक्षक संघ ने सख्त कार्रवाई की मांग

सहायक अध्यापिका पर दिनदहाड़े हुआ कातिलाना हमला, शिक्षक संघ ने सख्त कार्रवाई की मांग

अयोध्या के मया ब्लॉक क्षेत्र के प्रायमरी स्कूल की सहायक अध्यापिका निधि सिंह पर एक बदमाश ने  कातिलाना हमला गंभीर रूप सेेे घायल कर दिया । स्कूल पहुंचने के पहले ही बदमाश ने धारदार हथियार से हमला बोल दिया । जिसमें अध्यापिका गंभीर रूप से घायल हो गई । बताया जा रहा है कि फिलहाल एक 14 साल की किशोरी ने हमलावर को लाठी-डंडों से मार कर भगाने की कोशिश भी की । अध्यापिका अपने स्कूल पहुंचने वाली थी तो 200 मीटर पहले ही बदमाश ने धारदार हथियार से हमला कर दिया ।अध्यापिका निधि सिंह ने बदमाश से डटकर मुकाबला किया ।मगर बदमाश धारदार हथियार से हमला करता रहा ।बदमाश ने सहायक अध्यापक करके दोनों हाथों पर वार किया और गले पर भी चाकू से हमला बोल दिया ।फिलहाल घटना की खबर मिलते ही मौके पर पुलिस भी पहुंच गई और आनन-फानन में घायल अध्यापिका को पहले गोसाईगंज के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। प्राथमिक उपचार के बाद अध्यापिका को जिला अस्पताल फैजाबाद के लिए रवाना कर दिया गया। फिलहाल हमले की वजह अभी साफ नहीं हो पाई है ।लेकिन जिस तरह से पूरा घटनाक्रम हुआ है इसको लेकर भी पुलिस प्रशासन सतर्क नजर आ रहा है ।हमलावर मोटरसाइकिल से फरार हो गया ।अभी तक फिलहाल गिरफ्तारी नहीं हो पाई है ।थाना प्रभारी  का कहना है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। जल्दी हमलावर को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। 

प्राइमरी शिक्षक संघ के ब्लॉक महामंत्री पंकज पांडे का कहना है यह पूरी घटना बहुत ही दुखद और निंदनीय है ।इससे तत्काल हमलावर की गिरफ्तारी होनी चाहिए ।उनका कहना है कि जिस तरह से यह पूरा घटनाक्रम हुआ है ।इससे शिक्षकों में भारी आक्रोश है  वह दहशत में भी है। क्योंकि स्कूल खुले नहीं है मगर शिक्षकों और शिक्षिकाओं को स्कूल जाना पड़ता है ।कई ऐसे स्कूल हैं। जो बहुत बिरान इलाके में है जिसमें महिला शिक्षिका है ऐसे में उनकी सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहा है ।क्योंकि जब छात्र छात्राएं नहीं आते तो ऐसे इलाकों में शिक्षिकाओं का अकेले रह जाना सुरक्षा के नजरिए से उचित नहीं है ।उन्होंने कहा कि प्रदेश की योगी सरकार भले ही सुरक्षा का दावा कर रही है लेकिन जिस तरह से दिनदहाड़े शिक्षिका  पर कातिलाना हमला हुआ है।

ऐसे में पुलिस प्रशासन को सख्त कदम उठाने की जरूरत है और हमलावर की तत्काल गिरफ्तारी होनी चाहिए ।उनका कहना है कि जब स्कूलों में छात्र छात्राएं पढ़ने के लिए नहीं आ रहे हैं तो ऐसे में  अध्यापकों को क्यों बुलाया जा रहा है। इस पर सरकार को विचार करना चाहिए बेवजह अध्यापको को कोरोना संकट काल में बुलाना किसी भी नजरिए से वाजिब नहीं लगता ।फिलहाल देखना होगा कि जिस तरह से पूरी घटना घटी है इसमें पुलिस हमलावर की कब तक गिरफ्तारी करती हैं और किस तरह का एक्शन प्रशासन लेता है।

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