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शिक्षिका की याचिका पर सुनवाई, कोर्ट ने कहा -अंतर जनपदीय स्थानांतरण में नियोजन प्रमाणपत्र जरूरी नहीं


प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि अंतर्जनपदीय स्थानांतरण में नियुक्ति प्राधिकारी की ओर से जारी नियोजन प्रमाण पत्र अनिवार्य नहीं है। कोर्ट ने कहा कि दो जून 2023 के शासनादेश में ऐसी कोई शर्त नहीं है कि प्रमाण पत्र नियुक्त प्राधिकारी द्वारा ही जारी किया गया हो। यह आदेश न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ल ने रामपुर में कार्यरत सहायक अध्यापिका प्रिया की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।


याची के अधिवक्ता ओपीएस राठौर का कहना था कि याची ने रामपुर से बिजनौर अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। राज्य सरकार की दो जून 2023 की स्थानांतरण नीति के अनुसार जिन अध्यापिकाओं या अध्यापक के पति या पत्नी राज्य सरकार की सेवा में है, उन्हें उसके लिए 10 अंक दिए जाएंगे। याची के पति बिजनौर में ग्राम विकास

अधिकारी हैं उसने बिजनौर स्थानांतरण का आवेदन किया था। उसने अपने पति की बिजनौर में नियुक्ति को लेकर जिला विकास अधिकारी कार्यालय के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी की ओर से जारी नियुक्ति प्रमाण पत्र संलग्न किया। लेकिन बेसिक शिक्षा परिषद ने उसका यह प्रमाण पत्र इस आधार पर नामंजूर कर दिया कि प्रमाण पत्र सक्षम प्राधिकारी ने नहीं जारी किया गया है।

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