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ठिठुरते हुए स्कूल पहुंचे, सरकारी स्कूलों के बच्चे खाते में पैसे भेजे जाने के बावजूद अभिभावक नहीं खरीद रहे गर्म कपड़े


गिलौला (श्रावस्ती)। तराई में लगातार पारा लुढ़क रहा है। वहीं सोमवार को हुई बरसात के बाद ठंड और बढ़ गई। ऐसे मौसम में भी परिषदीय स्कूलों के छात्र- छात्राएं बगैर स्वेटर के ठिठुरते हुए स्कूल पहुंचे। सरकार की ओर से खाते में पैसे भेजे जाने के बाद भी बच्चों के परिजनों ने अब तक स्वेटर नहीं खरीदे हैं।


जिले में सोमवार को सर्दी के साथ बारिश ने स्कूल जाने वाले नौनिहालों की हालत खराब कर दी। इसका असर स्कूलों में उपस्थिति पर भी दिखा, जो कि 50 फीसदी ही रही। जिले के सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। बड़ी संख्या में बच्चे फर्श पर बैठकर पढ़ाई करते हैं। ऐसे में उनकी स्थिति का सहज ही अंदाज लगाया जा सकता है। शिक्षा विभाग का दावा है कि उसने अभिभावकों के खाते में स्वेटर आदि का पैसा भेज दिया
है, हालांकि सामग्री की खरीदारी के लिए प्रोत्साहित करने पर जोर नहीं दिया गया। सोमवार को कंपोजिट विद्यालय कटरा गुलरिहा में पंजीकृत 396 के सापेक्ष 243 बच्चे विद्यालय पहुंचे।

इनमें से अधिकांश छात्र स्वेटर नहीं पहने थे। प्रधानाध्यापक नीलमणि शुक्ल ने बताया कि अभिभावकों के खाते में राशि भेजी जा चुकी है। फिर भी कई अभिभावकों ने बच्चों के लिए स्वेटर और गर्म कपड़े नहीं खरीदा हैं। वहीं कंपोजिट विद्यालय बिदुहनी में पंजीकृत 503 छात्रों में से 315 छात्र ही उपस्थित मिले। प्रधान शिक्षक रवींद्र नाथ पाठक ने बताया कि सरकार की ओर से बच्चों को सर्दी के लिए यूनिफार्म, स्वेटर, जूते, मोजे देने के पैसे बच्चों के अभिभावकों के खाते में भेजे जा चुके हैं, लेकिन अभिभावक लापरवाही कर रहे हैं।

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