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12वीं की बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार कराने की तैयारी


नई दिल्ली, राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफ) के मसौदे के अनुसार कक्षा 12वीं के लिए बोर्ड परीक्षाएं दो चरणों (टर्म) में कराई जा सकती हैं। वहीं 10वीं और 12वीं के अंतिम परिणाम पिछली कक्षा के अंकों को ध्यान में रख कर तय किए जा सकते हैं।


कक्षा 11वीं और 12वीं के लिए विज्ञान, कला या मानविकी और वाणिज्य स्ट्रीम में विभाजित करने की मौजूदा प्रथा को दूर करने का भी प्रस्ताव किया गया है। एनसीएफ को आखिरी बार 2005 में संशोधित किया गया था। वर्ष 2009 में कक्षा 10वीं के लिए सतत और व्यापक मूल्यांकन (सीसीई) की शुरुआत की गई थी, लेकिन 2017 में इसे रद्द कर दिया गया। कोविड महामारी के दौरान कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को भी दो सत्रों में विभाजित किया गया था, लेकिन इस वर्ष महत्वपूर्ण परीक्षाओं के लिए साल के अंत में परीक्षा के पुराने प्रारूप को फिर से शुरू किया गया था। एनसीएफ के मसौदे में 11वीं और 12वीं कक्षा के लिए दो सत्रों में परीक्षाओं को कराने का प्रस्ताव है। शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, जो मसौदा अंतिम चरण में है, उसे हितधारकों से प्रतिक्रिया के लिए जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा और नई व्यवस्था 2024 शैक्षणिक सत्र से लागू की जाएगी। कक्षा नौवीं और 10वीं के लिए संरचना के बारे में बताते हुए एनसीएफ के मसौदे में कहा गया है, कक्षा 10वीं को पूरा करने के लिए छात्रों को कक्षा नौवीं और 10वीं के दो वर्षों में कुल आठ-आठ पाठ्यचर्या क्षेत्रों में से प्रत्येक से दो आवश्यक पाठ्यक्रम पूरे करने होंगे।

रिपोर्ट के अनुसार, इसरो के पूर्व अध्यक्ष के कस्तूरीरंगन की अगुआई में 12 सदस्यीय संचालन समिति की ओर से तैयार की जा रही सिफारिशों को अपनाने के बाद कक्षा 9 और 10 के स्ट्रक्चर में भी बड़ा बदलाव होगा। इसमें स्टूडेंट्स के लिए 8 पेपर पास करने का नियम बनाया जा सकता है।

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