Header Ads

BSA का बड़ा एक्शन : रिटायर होने से तीन दिन पहले बेसिक शिक्षक बर्खास्त

बलिया। बीएसए मनिराम सिंह ने लम्बे समय से नौकरी कर रहे सहायक अध्यापक ब्रजनाथ राम को बर्खास्त कर दिया है। इस शिक्षक को 31 मार्च 2023 को ही रिटायर होना था। इसने अलग-अलग शिक्षण संस्थानों से परीक्षा देकर अपनी जन्म तिथि में सात साल का हेरफेर किया है। बीएसए ने जालसाज शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश खंड शिक्षा अधिकारी को दिया है। बीएसए की इस कार्रवाई से विभागीय गलियारे में हड़कम्प मच गया है। 


बीएसए मनिराम सिंह द्वारा मंगलवार की शाम जारी सेवा समाप्ति आदेश के अनुसार ब्रजनाथ राम पुत्र ढोढा राम रसड़ा कोतवाली क्षेत्र के जाम गांव का निवासी है। इसकी नियुक्ति एक जुलाई 1999 को बेसिक शिक्षा परिषद में बतौर सहायक अध्यापक हुई थी। ब्रजनाथ की तैनाती जूनियर हाईस्कूल महाराजपुर, शिक्षा क्षेत्र रसड़ा में सहायक अध्यापक के पद पर थी।

ब्रजनाथ के खिलाफ उन्हीं के गांव के श्रीराम नारायण गोंड ने डीएम व बीएसए से शिकायत किया था। उन्होंने अंतिम शिकायत सात नवम्बर 2022 को जिलाधिकारी से की थी। आरोप लगाया था कि ब्रजनाथ राम की दो तरह की जन्मतिथि है। पहली एक दिसंबर 1953 और दूसरी एक दिसंबर 1960। इस संबंध में उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत विभिन्न शिक्षण संस्थाओं द्वारा उपलब्ध कराये गए पुख्ता प्रमाण भी दिए थे।

बीएसए ने शिकायतों की जांच खंड शिक्षा अधिकारी रसड़ा के माध्यम से विभिन्न स्तर पर कराई। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि मानव संपदा पर अपलोड अभिलेखों व सेवा पुस्तिका में उनकी जन्मतिथि एक दिसंबर 1960 है, जबकि उपलब्ध साक्ष्यों के अनुसार उन्होंने अमर शहीद भगत सिंह इंटर कॉलेज, रसड़ा से 1972 में हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की है, जिसमें उनकी जन्मतिथि एक दिसंबर 1953 है। बाद में राधामोहन संस्कृत महाविद्यालय, बैरिया से पूर्व मध्यमा की परीक्षा 1975 में पास की है। यहां उनकी जन्मतिथि एक दिसंबर 1960 है। इस प्रकार अलग-अलग विद्यालयों से जन्मतिथि में परिवर्तन करके उनके द्वारा परीक्षा दी गयी है।

बीएसए के अनुसार उत्तर प्रदेश सेवा में भर्ती नियमावली 1974 में उल्लिखित है कि सरकारी सेवक की जन्मतिथि हाईस्कूल या समकक्ष परीक्षा के प्रमाण पत्र में अभिलिखित ही मानी जाएगी। ब्रजनाथ राम ने हाईस्कूल की परीक्षा अमर शहीद भगत सिंह इका, रसड़ा से 1972 में उत्तीर्ण कर ली थी और तथ्य को छिपाकर 1975 में राधामोहन संस्कृत महाविद्यालय बैरिया से जन्मतिथि परिवर्तित करके पूर्व मध्यमा परीक्षा पास की। यदि दो विद्यालयों से एक ही परीक्षा अलग-अलग वर्षों में उत्तीर्ण करने को नजर अंदाज भी कर दिया जाए तो जन्मतिथि में हेरा-फेरी करके परिवर्तन किया जाना नियम विरुद्ध है। ऐसे में स्पष्ट है कि ब्रजनाथ राम तथ्यों को छिपाकर विभाग को धोखा देकर बीटीसी परीक्षा उत्तीर्ण कर गलत तरीके से सेवा में बने हुए हैं। उन्हें सुनवाई का अवसर प्रदान किया जा चुका है। अब उनके सेवा में बने रहने का कोई नैतिक एवं विधिक आधार नहीं रह गया है।

कोई टिप्पणी नहीं