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किताबों के लिए 9-12 तक के छात्रों को करना होगा इंतजार, माध्यमिक स्कूलों की किताबों का अब तक नहीं हो सका टेंडर


प्रयागराज : दो महीने बाद एक अप्रैल से शुरू होने जा रहे शैक्षणिक सत्र 2023-24 में माध्यमिक स्कूलों के बच्चों को समय से अधिकृत किताबें मिलना मुश्किल दिख रहा है। यूपी बोर्ड से जुड़े 28 हजार से अधिक स्कूलों में अध्ययनरत कक्षा नौ से 12 तक के एक करोड़ से अधिक छात्र-छात्राओं को सत्र शुरू होने के कम से कम एक महीने बाद नई किताबें सुलभ हो पाएंगी।




राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) आधारित किताबों के प्रकाशन के लिए बोर्ड की ओर से अब तक टेंडर जारी नहीं हो सका है। टेंडर जारी होने के बाद प्रिंटिंग और सप्लाई के लिए प्रकाशकों को कम से कम तीन महीने का समय देना पड़ता है। इस लिहाज से आज की तारीख में भी टेंडर हो जाए तो अप्रैल के बाद ही किताबें बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध हो सकेंगी। पिछले साल सत्र शुरू होने के तीन महीने बाद छह जुलाई को अधिकृत किताबों की सूची जारी हुई थी। इसके चलते बच्चों ने पहले ही अनाधिकृत और महंगी किताबें खरीद ली थी।


28 हजार से अधिक स्कूलों में अध्ययनरत कक्षा नौ से 12 तक के एक करोड़ से अधिक छात्र-छात्राओं को सत्र शुरू होने के कम से कम एक महीने बाद नई किताबें सुलभ हो पाएंगी



आठवीं तक की किताबें पहुंचने लगीं

पिछले कई वर्षों से पुरानी किताबों से सत्र की शुरुआत करने वाले बेसिक शिक्षा विभाग ने इस साल नवंबर में ही किताबों का टेंडर जारी कर दिया था और दो महीने पहले ही 8वीं तक की किताबें आनी शुरू हो गई हैं।


कक्षा आठ तक की किताबें जिलों में पहुंचने लगी हैं और 15 मार्च तक सभी किताबों की सप्लाई हो जाएगी। कक्षा नौ से 12 तक की किताबों के लिए जल्द टेंडर जारी करने जा रहे हैं।
-विजय किरन आनंद, महानिदेशक स्कूली शिक्षा

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