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कोरोना से शिक्षक की मौत के बाद बैंक ने कराया 50 लाख का ऋण बीमा, फर्जीवाड़ा की रिपोर्ट दर्ज


औरया: बैंक के तीन प्रबंधकों और बीमा कंपनी के अधिकारी पर भाई ने दर्ज कराई रिपोर्ट
दिबियापुर (औरया)। बैंक ऑफ इंडिया से कर्ज लेने वाले केंद्रीय विद्यालय के शिक्षक की कोरोना से मौत के बाद बैंक ने 50 लाख का लोन करा दिया था। मामला प्रकाश में आने पर मृतक के भाई ने बैंक में अलग अलग समय में रहे तीन बैंक प्रबंधकों और बीमा कंपनी के सब डिस्ट्रिक ऑफिसर के खिलाफ दस्तावेजों में हेराफेरी कर फर्जीवाड़ा किए जाने को रिपोर्ट दर्ज कराई है।

औरणा रोड दिबियापुर निवासी अनिल कुमार ने दर्ज कराई रिपोर्ट में आरोप लगाया कि केंद्रीय विद्यालय में शिक्षक भाई योगेंद्र सिंह यादव ने 17 अप्रैल 2018 को बैंक ऑफ इंडिया की दिबियापुर शाखा से 40 लाख रुपये का लोन कराया था। उस समय शाखा प्रबंधीरेंद्र कुमार वर्मा (हाल पता बैंक ऑफ इंडिया मैनपुरी) ने लोन स्वीकृत किया था। लोन के लिए बैंमा भी किया गया था। इसकी किस्ट उनके भाई के बैंक खाते से कटती थे। बैंक से 14 जून 2018 ऋण सुरक्षा पॉलिसी मांगी गई, लेकिन यह कहकर बैंक ने इनकार कर दिया कि लोन की अंतिम किस्त अदा करने तक ऋण पॉलिसी बैंक में हो जमा होगी। इसके बाद आए बैंक प्रबंधक मंजीत ( हाल पता बैंक बैंक ऑफ इंडिया मैनपुरी) ने मासिक किस्त काटना बंद कर दिया।
भाई ने ऋण खाते में बचत खाते से तीन लाख रुपये जमा किए आरोप लगाया कि यह रुपये भी प्रिंसिपल धन में जमा नहीं किए गए। इन रुपयों को बैंक के उपयोग में ले लिया गया। 15 अप्रैल 2021 को उनके भाई कोरोना की चपेट में आ गए। 12 मई 2021 को उनकी मौत हो गई। 28 जून 2021 को मृत्यु जिसक प्रमाणपत्र भी बैंक को दे दिया गया। आरोप है कि 23 अगस्त 2021 को बैंक के शाखा प्रबंधक गौरव मिश्रा ने रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी के सब डिस्ट्रिक्ट ऑफिसर दीपांकर द्विवेदी के साथ सांकरभाई की मृत्यु होने के बाद भी उनके नाम से 50 लाख रुपये का ऋण रक्षा बीमा करा दिया जाना प्रभारी विकास राय ने बताया कि तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। मामले की जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी।

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