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केंद्र सरकार खत्म किया वर्क फ्रॉम होम , सभी कर्मचारियों की उपस्थिति अनिवार्य


केंद्र सरकार के सभी कार्यालयों में सोमवार से फिर से शत प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी। केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। कार्मिक राज्य मंत्री ने कहा कि महामारी की स्थिति की रविवार को समीक्षा की गई।कोविड के मामलों की संख्या में कमी के साथ-साथ संक्रमण दर में गिरावट को देखते हुए निर्णय लिया गया है कि सोमवार से सभी स्तरों पर कर्मचारियों की पूर्ण कार्यालय उपस्थिति फिर से सुनिश्चित की जाएगी। सभी कर्मचारी बिना किसी छूट के सोमवार से नियमित रूप पर कार्यालय में उपस्थित होंगे।

हर समय फेस मास्क पहनें कर्मचारी

जितेंद्र सिंह ने कहा कि विभागों के प्रमुख यह सुनिश्चित करेंगे कि कर्मचारी हर समय फेस मास्क पहनें और कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करें। केंद्र ने 31 जनवरी को अवर सचिव स्तर से नीचे के अपने 50 प्रतिशत कर्मचारियों के लिए घर से काम करने की व्यवस्था को 15 फरवरी तक बढ़ा दिया था, लेकिन स्थिति की समीक्षा के बाद कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने नया आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि किसी भी कर्मी को वर्क फ्राम होम का विकल्प नहीं मिलेगा।

सभी को आना होगा कार्यालय

केंद्रीय मंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने रविवार को कहा कि सरकार ने यह निर्णय लिया है कि सोमवार यानी सात फरवरी से सभी केंद्रीय कर्मचारियों की पूर्ण कार्यालय उपस्थिति फिर से शुरू की जाएगी। उन्‍होंने कहा कि केंद्र सरकार के सभी स्तरों के कर्मचारी बिना किसी छूट के सात फरवरी से नियमित आधार पर कार्यालय में उपस्थित होंगे…

खुलने शुरू हुए सरकारी कार्यालय

गौरतलब है कि जैसे जैसे कोरोना के मामले कम हो रहे हैं वैसे वैसे सभी सरकारी कार्यालय खुलने शुरू हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने शनिवार को प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना से अनुरोध किया कि शीर्ष अदालत में कोविड महामारी से पहले की तरह फिर से फिजिकल सुनवाई शुरू की जाए क्योंकि महामारी की स्थिति नियंत्रण में है। साथ ही कहा कि खुली अदालत में सुनवाई परंपरा और संवैधानिक आवश्यकता दोनों है।

दिल्‍ली में कम हुई संक्रमण दर

प्रधान न्यायाधीश को संबोधित पत्र में एससीबीए के अध्यक्ष विकास सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण दर चार प्रतिशत से नीचे आ गई है और दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने सात फरवरी से यहां स्कूल, कालेज और जिम फिर खोलने का फैसला किया है। पिछले साल दिसंबर में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन वैरिएंट के कारण मामलों की संख्या बढ़ने के बाद से शीर्ष अदालत वर्तमान में मामलों की सुनवाई डिजिटल तरीके से कर रही है।

कोविड प्रोटोकाल के पालन पर जोर

एससीबीए ने कहा कि दिल्ली में अब कार्यालयों को 100 प्रतिशत क्षमता के साथ काम करने की अनुमति दी गई है। इन परिस्थितियों में अब सभी पांच दिनों में पूर्ण रूप से फिजिकल सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट को तुरंत नहीं खोलने का कोई औचित्य नहीं है। एससीबीए अध्यक्ष ने कहा है कि जैसा नवंबर और दिसंबर, 2021 में शीर्ष अदालत में फिजिकल सुनवाई के पहले चरण में दिखा था, वकील मास्क पहनना जारी रखेंगे और कोविड प्रोटोकाल का पालन करेंगे।


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