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40 प्रतिशत छात्र-छात्राएं ऑनलाइन शिक्षा से वंचित


मोबाइल उपलब्ध न होने के कारण ऑनलाइन क्लास से नहीं जुड़ पा रहे बच्चे
शाहजहांपुर। कोविड-19 की तीसरी लहर का ग्रहण छात्र छात्राओं की पढ़ाई पर लगा है। कक्षा नौ से 12 तक के बच्चों को नियमित पढ़ाने के लिए ऑनलाइन कक्षाओं को शुरू किया गया है, लेकिन जिले के 40 •प्रतिशत विद्यार्थी ऑनलाइन कक्षाओं से जुड़ नहीं पा रहे हैं। मोबाइल न होने या इंटरनेट का खर्चा उठाने में सक्षम न होने का असर बच्चों की शिक्षा पर पड़ रहा है।


कोरोना के कारण स्कूल लंबे समय तक बंद रहे। उस बीच ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन होता रहा। 2021 में स्कूलों के खुलने पर बच्चों की कक्षाएं लगना शुरू हुई।
कोरोना की दहशत कम होने के बाद छात्र संख्या में इजाफा हुआ था। धीरे धीरे 100 प्रतिशत बच्चों की कक्षाओं में उपस्थिति होने लगी थी। लेकिन, दिसंबर महीने में कोरोना का ग्राफ बढ़ने से शिक्षा पर खतरा मंडराने लगा शिक्षण संस्थाएं बंद होने के बाद 28 जनवरी से फिर से बच्चों को ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से शिक्षण कार्य करने के निर्देश दिए गए। लिहाजा, स्कूल के वाट्सएप ग्रुप एक बार फिर से सक्रिय हो गए। छात्र-छात्राओं को भी मैसेज भेजकर ऑनलाइन माध्यम से पढ़ने के निर्देश जारी किए गए। लेकिन माध्यमिक विद्यालयों के सिर्फ 60 प्रतिशत विद्यार्थी ही ऑनलाइन कक्षाओं से जुड़ पा रहे हैं। जबकि 40 प्रतिशत
"40 प्रतिशत छात्र छात्राएं ऑनलाइन कक्षाओं से नहीं जुड़ पा रहे हैं। मोबाइल, इंटरनेट आदि संसाधन न होने के कारण यह दिक्कत आ रही है। विद्यार्थियों के लिए ई-ज्ञान गंगा चैनल पर भी शिक्षण सामग्री उपलब्ध है। जहां से बच्चे अध्ययन कर सकते हैं।"
एसएस यादव, डीआईओएस
छात्र-छात्राएं शिक्षा से वंचित रह जा रहे हैं। शिक्षकों की मानें तो ग्रामीण परिवेश के ज्यादातर बच्चों के घरों में एक ही मोबाइल होता है। पिता या भाई मोबाइल लेकर सुबह चले जाते हैं। ऐसे में बच्चों का ऑनलाइन माध्यम से कक्षाओं से जुड़ना संभव नहीं हो पा रहा।

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