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मिड-डे मील में बच्चों को परोस रहे पानी वाली दाल, परिषदीय स्कूल निरीक्षण में खुली पोल

 मिड-डे मील में बच्चों को परोस रहे पानी वाली दाल, परिषदीय स्कूल निरीक्षण में खुली पोल

हापुड़:  पिलखुवा। मिड डे मील के नाम पर बच्चों के स्वास्थ्य साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। ग्राम पिपलेड़ा स्थित परिषदीय स्कूल में मिड डे मील के मंडल समन्वयक वीरेंद्र कुमार द्वारा किए गए औचक निरीक्षण के दौरान खामियां मिलीं। पानी जैसी पतली दाल बच्चों को खिलाई जा रही थी वहीं रोटी भी होटल से मंगाई गई थी। वहीं शौचालय में गंदगी मिली। जिसकी रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है।


मेरठ मंडल समन्वयक ने बताया कि बृहस्पतिवार को स्कूल का औचक निरीक्षण किया गया। मिड-डे मील के मेन्यू के तहत जो दाल बच्चों को खिलाई जा रही थी वह ग्राम प्रधान के घर से बनकर आई थी। दाल की गुणवत्ता बेहद खराब थी। उसमें दाल कम पानी अधिक मिला। वहीं तंदूर की रोटी किसी होटल से मंगाई गई थी। उन्होंने बताया कि स्कूल में सात सौ प्लेट भेजी गई थीं। जिनमें मौके पर एक भी नहीं मिली। शौचालय का भी बुरा हाल था। सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति मिली। स्कूल में 15 शौचायलों में से तीन चालू मिले, उनमें भी गंदगी का अंबार था। टोंटी गायब थी। अधिकांश बच्चे घर से खाना लेकर आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि गांव खिचरा स्थित सरकारी स्कूल में भी निरीक्षण किया गया। यहां भी भारी अनियमितताएं मिली है। इस दौरान मेरठ मंडलीय उपनिरीक्षक उर्दू अमरवीर सिंह भी मौजूद रहे। मिड-डे मील मेरठ मंडल समन्वयक वीरेंद्र कुमार का कहना है कि निरीक्षण की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जा रही है। जल्द ही विभागीय कार्रवाई होगी।

स्कूल को मिलता है प्रति बच्चा 150 ग्राम गेहूं
स्कूल में अध्यनरत बच्चों को एक-एक रोटी दी जा रही थी। जबकि विद्यायल को 150 ग्राम गेहूं या चावल प्रतिदिन के हिसाब से आवंटित किया जाता हैं। इस बात का खुलासा मिड डे मिल मंडल समन्वयक के निरीक्षण में हुआ है।

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