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अनाज उठान में लापरवाही, बच्चों के मिड डे मील पर पड़ेगी भारी

 अनाज उठान में लापरवाही, बच्चों के मिड डे मील पर पड़ेगी भारी

लखीमपुर-खीरी।

एसएफसी व परिवहन ठेकेदारों की लापरवाही से मार्च महीने में एमडीएम का गेहूं चावल उठान न होने से लैप्स हो चुका है। अब जो आवंटन हुआ है उसका उठान 30 अक्तूबर तक करना है। अब तक 51 फीसदी अनाज का ही उठान हो सका है। अगर पांच दिनों में पूरा उठान न हुआ तो फिर लैप्स हो सकता है। इससे स्कूलों में एमडीएम पर असर पड़ सकता है। उठान में सबसे ज्यादा लापरवाही लखीमपुर व नकहा ब्लॉक में है। यहां आवंटन के सापेक्ष 10 फीसदी के लगभग ही उठान हुआ है। डीसी एमडीएम ऋतुराज सिंह बताते हैं कि उठान के लिए एसएफसी से लगातार सम्पर्क किया जा रहा है।

परिषदीय स्कूलों में बच्चों को एमडीएम दिया जाता है। इसके लिए गेहूं व चावल का आवंटन एफसीआई से होता है। एफसीआई से उठान कराकर कोटे की दुकानों पर एसएफसी पहुंचात है। सितम्बर महीने में आवंटन किया गया। 30 अक्तूबर तक आवंटित किए गए गेहूं व चावल का उठान करना है। लेकिन आवंटन के सापेक्ष एसएफसी का जो उठान है वह अब तक लगभग 51 फीसदी है। पांच दिन का समय बचा है। अगर गेहूं व चावल का उठान न हुआ तो यह लैप्स हो सकता है। बताते चलें कि मार्च महीने में भी आवंटन किया गया था लेकिन उठान न होने से यह आवंटन लैप्स हो गया था। अब एक बार फिर उठान में लापरवाही की जाती है।परिवहन ठेकेदारों की मनमानी से उठान काफी धीमा है। अगर आंकड़ों को देखा जाए तो पलिया, मोहम्मदी व धौरहरा में पूरा उठान हो चुका है। लखीमपुर व नकहा सबसे फिसड्डी है। फूलबेहड़, पसगवां, बिजुआ, बांकेगंज व निघासन में भी अभी आवंटन के सापेक्ष आधा उठान ही हुआ है। बेहजम, रमियाबेहड़ व ईसानगर ब्लॉक का उठान 50 फीसदी भी नहीं हुआ है। अगर उठान न हुआ तो स्कूलों में गेहूं व चावल कम पड़ जाएगा जिससे एमडीएम बनने पर संकट आ जाएगा। उधर इस बारे में एसएफसी के जिला प्रबंधक गंगा प्रसाद बताते हैं कि उठान तेजी से हो रहा है। इस समय बाढ़ के हालात हैं जिससे काम धीमा हुआ है। ठेकेदारों व गोदाम प्रभारियों को हिदायत दी गई है कि एमडीएम के अनाज का तुरंत उठान करें। अगर किसी ने लापरवाही की तो कार्रवाई की जाएगी। निर्धारित तिथि से पहले ही उठान कर लिया जाएगा।

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