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मातृभाषा में शिक्षा हासिल करने वालों को पहले दी जाए नौकरी

 मातृभाषा में शिक्षा हासिल करने वालों को पहले दी जाए नौकरी

प्रयागराज : मातृभाषा से शिक्षा हासिल करने वालों और किसान के ब्रेटों को देश में पहले नौकरी दी जानी चाहिए। जो इस देश में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं। उनके लिए मातृभाषा को अनिवार्य करना चाहिए। यह ब्ा्तें केंद्रीय जनजातीय विवि आंध्र प्रदेश के कुलपति प्रोफेसर टीवी कट॒टीमनी ने कहीं। वह बुधवार को भारत सरकार के कंद्रीय हिंदी निदेशालय एवं नेहरू ग्राम भारती मानित विवि के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिनी 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति : हिंदी और अन्य मातृ भाषाएं' विषयक वेब्रिनार में बतौर मुख्य अतिथि बोल रह थे। कुलाधिपति जएन मिश्र ने कहा विद्वानों नें इस


महामारी में शिक्षा के लिए जो प्रयास किए गए बह महत्वपूर्ण हैं। एनर्साईआरटी के पूर्व निदेशक प्रो जेएस राजपूत ने कहा कि मातृभाषा के विकास में बाधा दूर करना जरूरी है। इंदिरा गांधी जनजातीय विवि अमस्कंटक के कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने कहा कि मातृभाषा से सदैव लगाव होना चाहिए। कुलपति प्रो. राम मोहन पाठक ने कहा कि शिक्षानीति लागू करना शिक्षाविदों का कार्य है। शिक्षक-शिक्षा संकाय के डीन प्रो. केके तिवारी ने कहा मातृभाषा से योग्यता का विकास हांता है। हिंदुस्तानी एकेडमी के अध्यक्ष डा. उदय प्रताप सिंह, डा. अखिलेश कुमार दुबे, डा. पृथ्वीनाथ पांडेय, डा. सपना दलवी, पवन भारती, प्रो. सत्यपाल तिवारी आदि ने विचार रखे। स्वागत प्रति कुलपति डा. एससी तिवारी और संचालन डा. सब्य साची, धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव आरएल विश्वकर्मा ने किया।

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