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प्रशासनिक अधिकारियों के बदल गए पटल: शिक्षा निदेशालय में लंबे समय से जमे थे, वहीं कुछ साल पहले हुआ था कई का बदलाव

 प्रशासनिक अधिकारियों के बदल गए पटल: शिक्षा निदेशालय में लंबे समय से जमे थे, वहीं कुछ साल पहले हुआ था कई का बदलाव

प्रयागराज : शिक्षा निदेशालय प्रयागराज में प्रशासनिक अधिकारियों में बड़ा फेरबदल हुआ है। कुल 11 अधिकारियों में कुछ ही ऐसे हैं जो लंबे समय से एक ही पटल पर जमे थे, वहीं कई ऐसे हैं जिनके पटल में कुछ साल पहले ही बदलाव हुआ था और अब फिर उनके पटल बदल गए हैं। वहीं, कुछ ऐसे भी अफसर हैं जो सेवानिवृत्ति के कगार पर हैं फिर भी उनका पटल बदला गया है।


अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा महेंद्र देव का कहना है कि शासन के निर्देश पर जनहित में कार्य में तेजी लाने के लिए उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों का पदस्थापन कर दिया है। इनमें राजेंद्र कुमार गुप्ता को प्रशासनिक अधिकारी बेसिक से सार्वजनिक निर्माण विभाग बेसिक, चंद्रपाल सिंह को प्रशासनिक अधिकारी अधिष्ठान से नियुक्ति एक बेसिक, सुजीत कुमार पाल को नियुक्ति राजपत्रित माध्यमिक से नियुक्ति प्रवक्ता, विनोद कुमार को आई एक अनुभाग से प्रशासनिक अधिकारी बेसिक, मनोज कुमार को लेखा अनुभाग कैशियर की जगह सामान्य दो अनुभाग, सलमान जमीर उस्मानी को अर्थ पांच अनुभाग से प्रशासनिक अधिकारी सेवाएं, मालविका सिन्हा को प्रशासनिक अधिकारी सेवाएं से अर्थ छह अनुभाग, पूनम मिश्र को सामान्य अनुभाग दो से आडिट दो अनुभाग, राजकुमार जायसवाल को शिक्षा माध्यमिक अनुभाग से अर्थ एक अनुभाग, कमल नारायण चतुर्वेदी को पत्रचार शिक्षा संस्थान उत्तर प्रदेश प्रयागराज से प्रशासनिक अधिकारी अधिष्ठान, अशोक कुमार त्रिपाठी नियुक्ति प्रवक्ता से सार्वजनिक निर्माण विभाग माध्यमिक के पद पर भेजा गया है।

दो को अतिरिक्त प्रभार, प्रयागराज में अफसरों की कमी

शिक्षा निदेशालय में प्रशासनिक अधिकारियों के बड़ी संख्या में पद खाली पड़े हैं। असल में प्रयागराज व लखनऊ दोनों जगहों पर निदेशालय है। लखनऊ में जो कर्मचारी पदोन्नति पाकर प्रशासनिक अधिकारी बनते हैं वे वेतनक्रम का लाभ लेते हैं लेकिन पद लेने के इच्छुक नहीं होते, क्योंकि इसके लिए उन्हें प्रयागराज आना पड़ेगा। इसलिए प्रयागराज में अफसरों की कमी है। इस बार भी प्रशासनिक अधिकारी सुजीत कुमार पाल को नियुक्ति राजपत्रित माध्यमिक व राजकुमार जायसवाल को माध्यमिक अनुभाग का अतिरिक्त कार्य अगले आदेश तक देखते रहने का आदेश दिया गया है।

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