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नियुक्ति को कई आश्रितों का आवेदन ही नहीं, देरी की ये भी वजह

 नियुक्ति को कई आश्रितों का आवेदन ही नहीं, देरी की ये भी वजह

प्रयागराज : कोरोना संक्रमण के विकट दौर में जिन कार्मिकों की मौत हुई है, शासन उनके आश्रितों को योग्यता के अनुसार नौकरी देने को तत्पर है, लेकिन नियुक्ति पाने की शर्ते पूरा करना तो दूर, आश्रित तो आवेदन तक नहीं कर रहे, जबकि आश्रित का आवेदन करना अनिवार्य है। माध्यमिक शिक्षा विभाग में आधे से अधिक आश्रितों ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन नहीं किया है। वहीं, आवेदन करने वाले 441 आश्रितों में से 344 को नियुक्ति दी जा चुकी है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने आश्रितों की ओर से की जा रही देरी की रिपोर्ट शासन को भेजी है।

प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा विभाग में कार्यरत जिन अधिकारी, कर्मचारी, राजकीय व अशासकीय सहायताप्राप्त विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक व शिक्षणोतर कर्मचारियों की मौतें कोविड या फिर नान कोविड से हुई हैं, शासन ने उनके आश्रितों को नियुक्ति देने का निर्देश बीती सात व 21 जून को दिया था। इस पर शिक्षा निदेशालय ने जिलावार व मंडलवार मृतकों की सूचना तय प्रारूप पर संकलित की। समूह क, ख, ग व घ के तहत नियुक्ति देने के लिए निर्देश भी जारी किए गए। कहा गया कि इस मामले में तेजी से कार्यवाही करते हुए नियुक्तियां दी जाएं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से अपर शिक्षा निदेशक डा.महेंद्र देव ने शासन को भेजी रिपोर्ट में लिखा है कि एक अप्रैल से अब तक कोविड व नान कोविड की वजह से मृत कार्मिकों की कुल संख्या 979 है। उनमें 635 प्रकरण अभी लंबित हैं। अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति पाने के लिए 441 ने ही आवेदन किया है, उनमें से 344 को नियुक्ति दी जा चुकी है। केवल 97 आवेदकों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। आवेदन पत्र के सापेक्ष नियुक्ति देने में तत्परता बरती गई है, इसीलिए अब तक 78 प्रतिशत मामले निस्तारित हो चुके हैं। शासन का निर्देश है कि अनुकंपा के आधार पर मृत कार्मिकों के किसी एक आश्रित को योग्यता के अनुसार नियुक्ति दी जाए। इसमें परिवार के अर्ह सदस्यों की अनापत्ति के आधार पर एक आश्रित की ओर से आवेदन पत्र दिया जाना अनिवार्य है।

देरी की ये भी वजह

’मृत कार्मिक के परिवार की ओर से आवेदन पत्र के साथ संगत अभिलेख प्रस्तुत न किया जाना।

’उत्पन्न विवाद का निस्तारण मृतक आश्रित नियमावली के तहत होना।

’नियमावली में प्रविधान है कि गठित समिति की ओर से समय-समय पर बैठकें हों, समिति के निर्णय के आधार पर नियुक्ति कार्यवाही पूरा होना।

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