Header Ads

यू- डायस पोर्टल पर फीड होगा सभी विद्यालयों का डाटा, डीएम ने जूम मीटिंग के जरिये खंड शिक्षा अधिकारी व विद्यालय प्रबन्धकों को दिए निर्देश

 यू- डायस पोर्टल पर फीड होगा सभी विद्यालयों का डाटा, डीएम ने जूम मीटिंग के जरिये खंड शिक्षा अधिकारी व विद्यालय प्रबन्धकों को दिए निर्देश

शैक्षिक सत्र 2020-21 हेतु यू-डायस के क्रियान्वयन हेतु शुक्रवार को जूम मीटिंग के माध्यम से डीएम मार्कण्डेय शाही ने जनपद के सभी खण्ड शिक्षा अधिकारियों, बीआरसी के कम्प्यूटर आपरेटरों तथा सरकारी, वित्तीय सहायता प्राप्त व गैर सरकारी स्कूलों के प्रबन्धकों व प्रधानाचार्यों से संवाद स्थापित कर डाटा फीडिंग सम्बन्धी जरूरी निर्देश दिए।



बताते चलें कि यू-डायस स्कूलों के बारे में एक डेटाबेस है, जिस पर सभी सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों का डाटा फीड किया जाना है। जिलाधिकारी ने जूम मीटिंग में निर्देश दिए कि यू-डायस पोर्टल पर स्कूल का विवरण जैसे स्थान, संरख्ना, पं्रबन्धन एवं अनुदेश का माध्यम, भौतिक सुविधाएं एवं उपकरण, शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक स्टाफ, नये दाखिले, नामंकन एवं पुनरावर्तक या रिपीटर्स, बच्चों को प्रदान किए गए प्रोत्साहन एवं सुविधाएं, वार्षिक परीक्षा का परिणाम, आय एवं व्यय सहित अन्य महत्वूपर्ण सूचनाएं समय से फीड करा दी जाएं।


जिलाधिकारी ने बताया कि माध्यमिक स्तर के सभी प्रबन्धन के जिला विद्यालय निरीक्षक, मदरसों के लिए जिला अलप संख्यक कल्याण अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी अपने अधीन विद्यालयों हेतु नोडल अधिकारी बनाया गया हैं। 

इसी प्रकार जगदीश शरण गुप्ता एमआईएस इंचार्ज तथा जिला समन्वयक समेकित शिक्षा-समग्र शिक्षा अभियान राजेश सिंह को जनपद स्तर पर यू-डायस प्लस 2020-21 डाटा हेतु नोडल अधिकारी होगें

 

जिलाधिकारी ने सभी सम्बन्धित अधिकारियो कर्मचारियों को निर्देश दिए कि किसी भी परिषदीय विद्यालय में पृथक बालक शौचालय रहित, पृथक बालिका शौचालय रहित, पेयजल रहित, अक्रियाशील शौचालय, अक्रियाशील पेयजल व्यवस्था की स्थिति न रहने पाये। यदि परिषदीय विद्यालय के डाटा कैप्चर फार्मेट में पृथक बालक शौचालय रहित, पृथक बालिका शौचालय रहित, पेयजल रहित, अक्रियाशील शौचालय, पेयजल व्यवस्था रहित वर्णित है

 

 
तो परिषदीय विद्यालयों का स्थलीय निरीक्षण कराया जाये तथा सम्बंधित अधिकारी व कर्मी से सत्यापन रिपोर्ट प्राप्त होने के उपरान्त सही स्थिति यू-डायस 2020-21 में अंकित करायी जाये। उन्होंने कहा कि विद्यालय सांख्यिकी प्रपत्र में छात्र नामांकन तथा शिक्षकों की संख्या का अंकन अवश्य किया जाए तथा विद्यालयवार अवस्थापना सुविधायें जैसे कक्षा कक्ष, रैम्प, किचनशेड बाउन्ड्रीवाल, खेल का मैदान, लाइब्रेरी एवं फर्नीचर, स्मार्ट टी0वी0, सीएएल लैब, आईसीटी लैब इत्यादि की सही सूचना प्रपत्र में अंकित भरी जाए। विशेष आवश्यकता वाले दिव्यांग बच्चों यथा- दृष्टि दिव्यांग, वाक्-श्रवण दिव्यांग, शारीरिक दिव्यांग, बहु-दिव्यांग, सेरीव्रल पल्सी, ऑटिज्म, विशिष्ट अधिगम दिव्यांग, एवं बौद्धिक दिव्याग आदि बच्चों के पूर्व प्राथमिक, प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय स्तर पर नामांकित बच्चों के नामांकन की सूचना का एकत्रीकरण, अंकन एवं डाटा इन्ट्री पर अवश्य ध्यान दिया जाए।



 

 
विकास खण्ड के अन्तर्गत विद्यालयों के समस्त दिव्यांग बच्चों का डाटा कैप्चर फार्मेट में भरी गयी सूचना का परीक्षण करना सुनिश्चित किया जायेगा। उन्होने निर्देश दिए कि खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा समस्त दिव्यांग बच्चों की सूचना का परीक्षण से सम्बन्धित प्रमाण-पत्र समेकित शिक्षा के शिक्षकों से प्राप्त किया जाएगा। परिषदीय विद्यालयों के प्रांगण में स्थित आँगनवाड़ी केन्द्र एवं अन्य स्थानों में स्थित आँगनवाड़ी केन्द्र का डाटा तथा साथ ही ब्लाक समन्वयक एम0आई0एस व कम्प्यूटर आपरेटर द्वारा विशेष ध्यान रखा जाएगा कि डाटा फीडिंग के उपरान्त जब सूचना उपलब्ध हो तब सभी बिन्दुओं का डाटा पूर्ण होने व डाटा कन्सिस्टेन्सी चेक किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा।



जूम मीटिंग में सीडीओ शशांक त्रिपाठी, प्रभारी जिला बेसिक अधिकारी विनय मोहन वन, जिला समन्वयक समेकित शिक्षा राजेश सिंह, एमएसआई इंन्चार्ज जगदीश शरण गुप्ता तथा ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर अमित गुप्ता उपस्थित रहे। 

कोई टिप्पणी नहीं