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आजीवन मान्य रहेगा टीईटी पास होने का प्रमाणपत्र, वैधता का फैसला 2011 से प्रभावी

 आजीवन मान्य रहेगा टीईटी पास होने का प्रमाणपत्र, वैधता का फैसला 2011 से प्रभावी:-

सरकारी व प्राइवेट शिक्षक बनने की चाह रखने वाले युवाओं के लिए केंद्र सरकार ने बड़ी राहत दी है। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के योग्यता प्रमाणपत्र की वैधता अब सात साल की जगह आजीवन होगी। यह फैसला 2011 से प्रभावी माना जाएगा।


केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया कि जिन छात्रों या उम्मीदवारों के टीईटी प्रमाणपत्र की सात वर्ष की अवधि पूरी हो गई, उनके बारे में संबंधित राज्य सरकार या केंद्रशासित प्रशासन वैधता अवधि पुनर्निर्धारित करने या नया टीईटी प्रमाणपत्र जारी करने के लिए जरूरी कदम उठाएंगे। निशंक ने कहा, इससे शिक्षण क्षेत्र में कॅरिअर बनाने के इच्छुक लाखों युवाओं के लिए अवसर बढ़ेंगे। इससे पहले राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने बीते साल अक्तूबर में टीईटी प्रमाणपत्र की वैधता की सीमा आजीवन करने की घोषणा की थी। हालांकि, केंद्र सरकार ने इस पर अब निर्णय लिया है। 

2011 में तय हुई थी सीमा
स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए टीईटी अनिवार्य पात्रता है। एनसीटीई के 11 फरवरी 2011 के निर्देशों में था कि राज्य सरकार टीईटी का आयोजन करेंगी। इसका प्रमाणपत्र सात वर्ष तक वैध रहेगा।

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