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पंचायत चुनाव मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट में

 पंचायत चुनाव मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट में

नई दिल्ली: उप्र का पंचायत चुनाव मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर इलाहाबाद हाईकोर्ट के गत 15 मार्च के आदेश को चुनौती दी गई है। हाईकोर्ट ने 16 सितंबर 2015 के शासनादेश की आरक्षण नीति के मुताबिक पंचायत चुनाव कराने का आदेश दिया है।


सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका सीतापुर जिले के बरोसा गांव के रहने वाले दिलीप कुमार ने दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट ने उस आदेश में 11 फरवरी 2021 का शासनादेश रद कर दिया है जिसमें 1995 से लेकर अभी तक सिर्फ 2015 को छोड़कर आरक्षण का रोटेशन सिस्टम अपनाया गया था। हाईकोर्ट ने 2015 की आरक्षण नीति के हिसाब से पंचायत चुनाव कराने को कहा है। 2015 में नए सिरे से आरक्षण का रोटेशन सिस्टम अपनाया गया था।

याची का कहना है कि सरकार ने 11 फरवरी के आदेश के मुताबिक चुनाव की सारी तैयारी कर ली थी और अंतिम सूची प्रकाशित होने वाली थी। याची ने कहा है कि वह अनुसूचित जाति का है। हाईकोर्ट में हुई सुनवाई में वह या उसके समकक्ष कोई भी पक्षकार नहीं था। याची के गांव के लोगों की याददाश्त के मुताबिक उसके गांव में कभी अनुसूचित जाति का प्रधान नहीं हुआ है। 1995 में हुए 73वें संशोधन के बाद से तो नहीं ही हुआ है।

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