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चहेती फर्मों को ऑपरेटरों ने किया भुगतान, BSA ने जांच की शुरू


ज्ञानपुर। कंपोजिट ग्रांट, टीएलएम और चहक कार्यक्रम में बजट के भुगतान के मामले में शिकायत मिलने पर बीएसए ने जांच के लिए दो अफसरों की टीम गठित कर दी है। तीन दिनों में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।




अधिवक्ता आदर्श त्रिपाठी ने शपथ पत्र देकर बताया कि प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय में छात्र संख्या आधार पर 25, 50 और 75 हजार रुपये की धनराशि स्कूलों में दी जाती है। टीएलएम (टीचर लर्निंग मटेरियल) स्कूलवार 1600 रुपये और चहक कार्यक्रम के तहत ढाई हजार प्रति स्कूल दिए जाते हैं।

टीएलएम की राशि पूर्व माध्यमिक में 20 और प्राथमिक में 15 रुपये की दर से बच्चों को मिलती है। आरोप है कि सहायक अध्यापक को डाटा एंट्री ऑपरेटर और प्रधानाचार्य को डाटा एप्रूवल नामित करते हुए भुगतान करना चाहिए, लेकिन बीआरसी में बैठे कंप्यूटर आपरेटरों ने पासवर्ड आईडी न उपलब्ध करते हुए सीधे तौर पर अपने तरीके से ही मनपसंद फर्मों को धनराशि भेज दी गई।

इसमें कई फर्म फर्जी हैं। बीएसए भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि जांच के लिए खंड शिक्षा अधिकारी मुख्यालय और डीसी एमडीएम को नामित किया गया है। तीन दिनों में जांच आख्या मांगी गई है।

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