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प्रधान जी नहीं दे रहे ध्यान, 23 शिक्षको का रोका वेतन


ज्ञानपुर। ऑपरेशन कायाकल्प के तहत परिषदीय स्कूलों को सुंदर बनाया जा रहा है। जिले के 70 फीसदी से अधिक विद्यालय 19 पैरामीटर पूर्ण कर चुके हैं, जबकि प्रधानों की उदासीनता से 100 से अधिक विद्यालय उक्त पैरामीटर से वंचित है। अब कंपोजिट ग्रांट की मामूली रकम में काम पूरा कराना शिक्षकों के लिए चुनौती बना है। कार्य पूर्ण न होने पर 23 शिक्षकों का वेतन भी रोक दिया गया है, जिसको लेकर शिक्षकों में नाराजगी है।



जिले में 892 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय संचालित है। करीब पांच साल पूर्व आपरेशन कायाकल्प के तहत सरकारी स्कूलों की तस्वीर बदली जा रही है। राज्य और केंद्रीय वित्त के धन से स्कूलों में जरूरी कार्य कराए जाने हैं। सुंदरीकरण, सबमर्सिबल पंप, इंटरलाकिंग, रंगाई-पुताई, शौचालय, हैंडवाश सहित 19 बिंदुओं का कार्य पूर्ण करना है। 892 स्कूलों में 600 से अधिक स्कूल 19 पैरामीटर को पूर्ण कर चुके हैं, लेकिन ग्राम प्रधानों की उदासीनता से 100 से अधिक विद्यालय 14 से 15 पैरामीटर तक ही पहुंच सके हैं। महीने भर पूर्व स्कूलों के जरूरी कार्य के लिए 4.5 करोड़ कंपोजिट ग्रांट की धनराशि भेजी गई। इसमें छात्र संख्या के आधार पर स्कूलों को 25 हजार से लेकर दो लाख तक अवमुक्त किया गया। जिन स्कूलों में ग्रांट की रकम 25 हजार आई है। वहां 19 पैरामीटर पूर्ण करा पाना प्रधानाध्यापकों के लिए मुश्किल हो रहा है। नए ग्राम प्रधान भी बजट का इंतजार कर रहे हैं। जिला समन्वयक निर्माण शिवम सिंह की संस्तुति पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने 23 प्रधानाध्यापकों का वेतन कार्य पूर्ण होने तक रोक दिया है। वहीं दूसरी ओर विभाग की कार्रवाई को लेकर शिक्षक मुखर होने लगे हैं। उनका आरोप है कि 25 हजार के अल्प रकम में एक भी कार्य पूर्ण नहीं हो सकता है।

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