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सत्यापन में शिक्षिका का कागजात मिला फर्जी, दर्ज होगा एफआइआर

- संयुक्त शिक्षा निदेशक ने डीआइओएस को कार्रवाई का दिया निर्देश

- बाबा राम अभिलाख राजकीय बालिका इंटर कालेज में तैनात है शिक्षिका

संबंधित के साथ मची हुई है महकमे में हलचल 


मीरजापुर : नियुक्ति के बाद कागजात के सत्यापन में शिक्षिका का बीएड प्रमाण पत्र फर्जी मिला है। शिक्षिका के विरुद्ध एफआइआर दर्ज होगा। संयुक्त शिक्षा निदेशक विध्याचल मंडल कामता राम पाल ने डीआइओएस सत्येंद्र कुमार सिंह को संबंधित शिक्षिका पर कार्रवाई का निर्देश दिया है। शिक्षिका बाबा राम अभिलाख राजकीय बालिका इंटर कालेज डोमनपुर में तैनात है। जेडी की कार्रवाई से हड़कंप मच गया है।



आयोग उत्तर प्रदेश से चयन के बाद वर्ष 2020 में उसका चयन हुआ। विकास खंड सीखड़ के डोमनपुर स्थित बाबा राम अभिलाख राजकीय बालिका इंटर कालेज डोमनपुर में शिक्षिका निशा सिंह पुत्री श्रीपाल सिंह की तैनाती सहायक अध्यापक संगीत के पद पर हुई थी। शिक्षिका का बीएड अभिलेख के सत्यापन में फर्जी मिला है। बीएड प्रमाण पत्र फर्जी मिलने पर संबंधित के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराते हुए कार्रवाई के लिए पत्र डीआईओएस, जनपदीय समिति व नियुक्ति प्राधिकारी को भेजा गया है। इससे संबंधित के साथ महकमे में हलचल मची हुई है। ---

एलटी भर्ती में फर्जीवाड़े के आरोपित शिक्षक पकड़ से दूर

जिले में वर्ष 2016 में एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती में हुए फर्जीवाड़े की जांच अब तक पूरी नहीं हो सकी है। क्राइम ब्रांच प्रकरण की जांच कर रही है। कार्रवाई नहीं होने से फर्जीवाड़े में शामिल लोगों का मनोबल बढ़ा हुआ है। विध्याचल मंडल में वर्ष 2016 में संयुक्त शिक्षा निदेशक विध्याचल मंडल की ओर से 531 शिक्षकों की भर्ती का आवेदन मांगा गया था। आवेदकों की काउंसिलिग के बाद अस्थायी तौर पर एक वर्ष के लिए उनकी नियुक्ति कर दी गई। नियुक्ति के बाद जब शिक्षकों के अभिलेखों की जांच होने लगी तो प्रकरण सामने आया। इसके बाद तत्कालीन संयुक्त शिक्षा निदेशक माया निरंजन ने 308 आरोपितों के खिलाफ शहर कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई। इसमें 123 महिला शिक्षक और 185 पुरुष शिक्षक शामिल थे। काफी समय बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दो पुरुष और दो महिला शिक्षकों को गिरफ्तार किया था, शेष अभी भी पकड़ से बाहर हैं। आरोप है कि इन शिक्षकों ने विध्याचल मंडल में वर्ष 2016 में राजकीय इंटरमीडिएट कालेजों में एलटी ग्रेड सहायक अध्यापक-अध्यापिका भर्ती के दौरान फर्जी कागजात लगाकर आवेदन किए थे। इसमें से कई गैर जिलों के भी आवेदक शामिल थे। हालांकि इसमें कई आवेदकों ने अपना कार्यभार भी ग्रहण नहीं किया था।

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