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रसोइयों का तीन माह का मानदेय किया जारी:- बिना मानदेय के ही बीता करवाचौथ और दशहरा

 रसोइयों का तीन माह का मानदेय किया जारी:- बिना मानदेय के ही बीता करवाचौथ और दशहरा

गोंडा। बेसिक शिक्षा के स्कूलों में बच्चों के लिए खाना बनाने वाली रसोइयों का मानदेय अब जारी हो गया है। करीब छह माह का मानदेय नहीं मिला है, लेकिन अभी तीन माह का ही मानदेय जारी हो सका है। पहले चरण में 6221 रसोइयों के तीन माह का मानदेय जारी हुआ है। विभाग को 2.42 करोड़ का बजट मिला है। बताया जा रहा है कि अनुसूचित वर्ग की रसोइयों का मानदेय जारी हो चुका है। जिला समन्वयक एमडीएम गणेश गुप्ता का कहना है कि शनिवार को मानदेय के लिए कार्रवाई की जाएगी। पहली नवंबर के पहले मानदेय दे दिया जाएगा।


जिले के 3100 परिषदीय स्कूलों में करीब 8680 रसोइया कार्य करती है। जिसमें अनुसूचित वर्ग की 2459 रसोइया हैं, इनके लिए अलग से बजट जारी होता है। सामान्य और पिछड़े वर्ग की 6221 रसोइये हैं और उनके लिए बृहस्पतिवार को ही बजट जारी हो गया था। जिला समन्वयक का कहना है कि अनुसूचित वर्ग की 2459 रसोइयों का मानदेय भी आ गया है। शनिवार को दोनों बजट को जोड़कर देखा जाएगा कि कितने माह का मानदेय मिला है।

उन्होंने कहा कि पहली नवंबर तकहर हाल में मानदेय दे दिया जाना है। विभाग की ओर से जारी बजट के हिसाब से तीन माह का मानदेय ही रसोइयों को मिल सकेगा। इसके बाद फिर बजट आने पर ही मानदेय दिया जा सकेगा। रसोइयों को दीपावली पर भी पूरा मानदेय नहीं मिल सकेगा। ऐसा तब है जब बेसिक शिक्षा में सबसे अधिक जिम्मेदार रसोइया ही हैं, वह अपना कार्य पूरी जिम्मेदारी से करती मिलती हैं। ऐसे में मानेदय समय से न देना चौंकाने वाला है। 1500 रूपये महीने मानदेय में पूरे समय ड्यूटी लिया जाता है। बच्चों के लिए भोजन बनाने के साथ ही स्कूल में समय से रहती हैं।

बिना मानदेय के ही बीता करवाचौथ और दशहरा
बेसिक शिक्षा की रसोइयों को दो त्योहार बिना मानदेय के ही मनाना पड़ा। करवा चौथ और दशहरा त्योहार ऐसे ही बीत गया है, उन्हें मानदेय नहीं मिला। अब जाकर मानदेय आया और दीपावली के पहले देने का आदेश है तो पूरा मानदेय मिलने की उम्मीद नहीं दिख रही है। रसोइयों का कहना है कि किसी और कर्मचारी का मानदेय रुके तो हंगामा खड़ा हो जाता है। लेकिन रसोइयों का सुनने वाला कोई नहीं है। मांग किया है कि मानदेय पूरा दिया जाए और दीपावली के पहले मिले।

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