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246 प्रधानाध्यापकों से मांगा स्पष्टीकरण, एमडीएम के तहत खाद्य सुरक्षा भत्ता और खाद्यान्न वितरण में लापरवाही का मामला

 246 प्रधानाध्यापकों से मांगा स्पष्टीकरण, एमडीएम के तहत खाद्य सुरक्षा भत्ता और खाद्यान्न वितरण में लापरवाही का मामला

एमडीएम के तहत खाद्य सुरक्षा भत्ता और खाद्यान्न वितरण में बरती गई है लापरवाही
- एमडीएम सेल की रिपोर्ट पर प्रभारी बीएसए ने मांगा स्पष्टीकरण
संवाद न्यूज एजेंसी
संतकबीरनगर। कोरोना काल के दौरान बंद रहे स्कूलों के छात्रों को शासन ने एमडीएम (मिड-ड-मील) के तहत खाद्य सुरक्षा भत्ता और खाद्यान्न के वितरण का निर्देश दिया था। इसके बावजूद जिले के 246 परिषदीय स्कूलों ने खाद्य सुरक्षा भत्ता और खाद्यान्न वितरित की रिपोर्ट नहीं दी। जिसके बाद एमडीएम सेल की रिपोर्ट पर प्रभारी बीएसए ने इन स्कूलों के प्रधानाध्यापकों से स्पष्टीकरण मांगा है। संतोषजनक स्पष्टीकरण न मिलने पर वेतन बाधित किया जा सकता है।
कोरोना काल में परिषदीय विद्यालय पूरी तरह से बंद हो गए थे। इस दौरान शासन ने विद्यालयों के बंदी के दौरान कक्षा एक से आठ तक के छात्रों को मध्याह्न भोजन के तहत खाद्य सुरक्षा भत्ता और राशन देने का फरमान जारी किया। इसके बाद सभी विद्यालयों को निर्देश दिया गया कि छात्रों में खाद्यान्न वितरण और खाद्य सुरक्षा भत्ता अभिभावकों के खाते में भेज दिया जाए। निर्देश के बाद भी जिले के 1245 में से 246 परिषदीय स्कूलों ने कक्षा एक से आठ तक के छात्रों को खाद्य सुरक्षा भत्ता और खाद्यान्न वितरण की कोई रिपोर्ट एमडीएम सेल को नहीं भेजी। एमडीएम सेल ने 27 जुलाई और चार अगस्त को रिपोर्ट भेजने के लिए चेतावनी जारी किया था। फिर भी इन स्कूलों ने लापरवाही बरती। एमडीएम सेल ने इसकी रिपोर्ट प्रभारी बीएसए को सौंपी। प्रभारी बीएसए गिरीश कुमार सिंह ने बताया कि खाद्य सुरक्षा भत्ता और खाद्यान्न वितरण शासन की प्राथमिकता में है। कई बार आदेश के बावजूद 246 परिषदीय स्कूलों ने लापरवाही बरती। इन स्कूलों के प्रधानाध्यापकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर वेतन रोकने की कार्रवाई की जाएगी।

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