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बेसिक शिक्षकों को पहचान पत्र मिलने का है अब भी इंतजार-primary ka master

 बेसिक शिक्षकों को पहचान पत्र मिलने का है अब भी इंतजार-primary ka master

झांसी। बेसिक शिक्षा विभाग के कई शिक्षकों को अभी तक विभागीय पहचान पत्र नहीं मिल पाए हैं। इससे इन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षकों का कहना है कि अगस्त 2020 में निदेशालय ने शिक्षकों, शिक्षा मित्रों और अनुदेशकों के विभागीय पहचान पत्र बनवाने के निर्देश दिए थे।
शिक्षकों के पहचान पत्र बनाने के लिए जिले में दो लाख 24 हजार रुपये जारी भी हुए थे। कई शिक्षकों के पहचान पत्र बनवाने के लिए फार्म भी भरा लिए गए थे। लेकिन इसके बाद भी अधिकांश शिक्षकों को पहचान पत्र अब तक नहीं मिले हैं। पहचान पत्र में शिक्षक का ब्लड ग्रुप, पद, मोबाइल नंबर, विद्यालय का नाम आदि विवरण का उल्लेख किया जाना था। शिक्षकों ने बताया कि विभागीय पहचान पत्र न होने से उन्हें तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आवश्यक है कि उन्हें जल्द से जल्द पहचान पत्र दिए जाएं। इधर प्रभारी बीएसए दीपक श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले वर्ष परिचय पत्र दिए गए थे। जो रह गए हैं उन्हें भी जल्द ही पहचान पत्र दिए जाएंगे।


पहचान पत्र को लेकर समय से बजट आ गया था। लेकिन इसके बाद भी अधिकांश शिक्षकों को यह नहीं मिले। यह जांच का विषय है कि बजट कहां खर्च हुआ। रसकेंद्र गौतम, जिलाध्यक्ष बेसिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन।
परिचय पत्र को लेकर यह जानकारी मिली थी कि यह पहले शिक्षकों का बनेगा। फिर इसके बाद शिक्षा मित्रों और अनुदेशकों का बनेगा। लेकिन अभी तक पहचान पत्र नहीं मिला है। सुगर सिंह, जिलाध्यक्ष उप्र प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ
पहचान पत्र न होने से कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हालांकि यह छह माह पहले मिल जाना चाहिए था। पहचान पत्र जल्द से जल्द मिलना चाहिए। राजीव पाठक, शिक्षक

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