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बेसिक में टेबलेट के लिए बढ़ता जा रहा शिक्षकों का इंतजार! फरवरी 2019 में शासन ने खरीद के लिए दी थी रजामंदी

 बेसिक में टेबलेट के लिए बढ़ता जा रहा शिक्षकों का इंतजार! फरवरी 2019 में शासन ने खरीद के लिए दी थी रजामंदी

बेसिक में टेबलेट के लिए बढ़ता जा रहा शिक्षकों का इंतजार! फरवरी 2019 में शासन ने खरीद के लिए दी थी रजामंदी
शासन ने परिषदीय स्कूलों एवं अपनी मॉनीटरिंग टीम को पूरी तरह डिजीटल करने का फैसला तो कर लिया लेकिन अब तक शिक्षकों व दूसरे जिम्मेदारों के हाथों में मोबाइल व टेबलेट नहीं पकड़ा सका। शासन ने 2019 में सभी खंड शिक्षा अधिकारियों, एबीआरसी एवं परिषदीय स्कूलों के हेडमास्टर को डाटा प्लान सहित मोबाइल टेबलेट उपलब्ध कराने का फैसला किया था। इसके अलावा उच्च प्राथमिक स्कूलों को कम्प्यूटर हार्डवेयर एवं डिजीटल सामग्री उपलब्ध कराने पर भी हामी भर गई थी ।





शासन ने बेसिक शिक्षा विभाग को गत वर्ष सौगात देते हुए इण्टीग्रेडेड स्कीम फॉर स्कूली शिक्षा के अन्तर्गत आईसीटी एवं डिजीटल इनिशिएटिव प्रोग्राम के अन्तर्गत उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए कम्प्यूटर हार्डवेयर एवं जनपद स्तर पर मॉनीटरिंग यूनिट, बीईओ, एबीआरसी एवं प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के हेडमास्टरों के लिए डाटा प्लान सहित मोबाइल टेबलेट उपलब्ध कराने का फैसला किया था। शासन ने बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी थी ।


शासन ने प्रदेश स्तर पर कंट्रोल रूम, जिले स्तर पर मॉनीटरिंग यूनिट, 880 बीईओ, 4400 एबीआरसी एवं 158837 परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों के हेडमास्टरों को मोबाइल टेबलेट दिए जाने के लिए सर्व शिक्षा अभियान की वार्षिक कार्ययोजना एवं चालू वित्तीय वर्ष में योजना के तहत 15900 लाख की धनराशि का प्रावधान भी किया था। लेकिन अब तक हेडमास्टरों के हाथों में मोबइल या टेबलेट नहीं आ सके। इस बीच बेसिक शिक्षा विभाग ने डिजीटाइजेशन की तरफ पूरी मजबूती से कदम बढ़ा दिए हैं। अब तक विभाग हेडमास्टरों व शिक्षकों के मोबाइल से ही विभागीय कार्य करा रहा है।


जनपद स्तर पर डीएम होंगे समिति के अध्यक्ष

शासन ने स्पेशिफिकेशन समिति द्वारा तय किए गए मानकों के आधार पर जैम पोर्टल के जरिए सभी सामग्री की क्रय प्रक्रिया का प्रावधान किया था। आप यह खबर प्राइमरी का मास्टर डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।डीएम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति का गठन किया जाएगा। समिति में बीएसए सचिव एवं एनआईसी, डायट प्राचार्य तथा वित्त एवं लेखाधिकारी सदस्य बनाए गए थे।

स्पेसिफिकेशन के लिए गठित हुई थी समिति

शासन ने जिलों में लैपटॉप, प्रोजेक्टर, मोबाइल टेबलेट, कम्प्यूटर, यूपीएस एवं प्रिंटर की गुणवत्ता बिन्दुओं अथवा स्पेशिफिकेशन तय करने के लिए 8 सदस्यीय समिति का गठन भी किया था। समिति में बेसिक शिक्षा निदेशक को अध्यक्ष एवं बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज के सचिव को सचिव तथा राज्य परियोजना निदेशक द्वारा नामित व्यक्ति, आईआईटी कानपुर, मध्यम एवं लघु उद्योग विभाग, यूपी डेस्को आदि के प्रतिनिधि को सदस्य का दर्जा दिया गया था।

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