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राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने शिक्षकों के एक दिन का वेतन काटने के प्रस्ताव का विरोध किया है।

 राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने शिक्षकों के एक दिन का वेतन काटने के प्रस्ताव का विरोध किया है। 

लखनऊ। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने शिक्षकों के एक दिन का वेतन काटने के प्रस्ताव का विरोध किया है। महासंघ की रविवार को राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री ओमपाल सिंह की मौजूदगी में हुई वर्चुअल बैठक में प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह ने कहा कि महामारी काल में चुनौतियों का सामना कर रहे शिक्षकों का एक दिन का वेतन काटना गलत है। उनका


कहना है कि प्रदेशीय शिक्षक संघ ने एकतरफा निर्णय लेते हुए वेतन कटौती का प्रस्ताव दिया है। महासंघ के प्रदेश मझहामंत्री भगवती सिंह ने कहा कि सभी शिक्षक संगठन सरकार के सिर्फ तीन शिक्षकों की मौत के दावे के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि सरकार ने पंचायत चुनाव की ड्यूटी में कोरोना संक्रमित होकर जान गंवाने बाले शिक्षकों व कर्मचारियों को मुआवजा देने की घोषणा की हैं। उन्होंने सरकार से मृतक आश्रितों को जल्द 50-50 लाख रुपये मुआवजा, अनुकंपा नियुक्ति और बकाया देय का भुगतान कराने की मांग को है। उन्होंने कहा कि यदि शिक्षकों को मर्जी के बिना उनका एक दिन का वेतन काटा गया और मृतक आश्रितों को जल्द राहत नहीं दी गई तो महासंघ आंदोलन करेगा। वर्चुअल बैठक में मातादीन द्विवेदी, शिवशंकर सिंह, ब्रजेश श्रीवास्तव, बीरेंद्र मिश्रा ने भी विचार रखे। उधर, बेतन कटौती के विरोध में विशिष्ट बीटीसी शिक्षक बेलफेयर एसोसिएशन भी आगे आया है। एसोसिएशन की वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष शालिनी मिश्रा ने सरकार से शिक्षकों के लिए विशेष आकस्किम फंड बनाने की मांग की है।

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