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मृत कर्मियों के आश्रितों को मदद देने के नियम में बदलाव की तैयारी,प्रस्ताव तैयार, कैबिनेट करेगी अंतिम फैसला

 मृत कर्मियों के आश्रितों को मदद देने के नियम में बदलाव की तैयारी,प्रस्ताव तैयार, कैबिनेट करेगी अंतिम फैसला

लखनऊ। पंचायत चुनाव के दौरान कोविड से संक्रमित होकर बाद में जान गंवाने वाले कार्मिकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने के लिए नियमों में बदलाव का प्रस्ताव तैयार हो गया है। इस पर अंतिम निर्णय कैबिनेट करेगी।


दरअसल, पंचायत चुनाव व मतगणना ड्यूटी करने वाले तमाम कार्मिक कोरोना संक्रमित हुए थे। इनमें कई कार्मिकों की कोविड पॉजिटिव या कोविड संदिग्ध मरीज के तौर पर इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी। राज्य निर्वाचन आयोग के नियमों के मुताबिक कार्मिक के चुनाव ड्यूटी पर रवाना होने से घर वापस पहुंचने तक कोविड से मृत्यु पर 30 लाख रुपये मुआवजे की व्यवस्था है। लेकिन संक्रमण से कार्मिकों की मौतें कई सप्ताह बाद तक हुई हैं। ऐसे में चुनाव के दौरान संक्रमित होकर जान गंवाने वाले अधिकतर कार्मिकों के परिजनों को यह सहायता राशि मिलने में कठिनाई आ रही थी। 'अमर उजाला' ने यह मामला उठाया था। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नियमों में बदलाव के निर्देश दिए थे। सूत्रों के मुताबिक चुनाव ड्यूटी वाले कार्मिकों की कोविड जांच पॉजिटिव आई या नहीं, लेकिन यदि तय समयसीमा में कोविड लक्षण से मृत्यु हुई है, तो ऐसे सभी कार्मिकों को कोविड संदिग्ध मानकर मुआवजा देने का प्रस्ताव किया गया है। चुनाव से संबंधित ड्यूटी में मुआवजे की मौजूदा समयसीमा को 30 दिन बढ़ाने का प्रस्ताव है। यह चुनाव ड्यूटी या दो मई मतगणना के दिन से 30 दिन बाद 2 जून तक हो सकती है। हालांकि इस समयसीमा की गणना किस दिन से की जाए यह उच्च स्तर से तय किया जाना है।

प्रयास है कि चुनाव ड्यूटी से संक्रमित होकर जान गंवाने वाले वाले सभी कार्मिकों की आर्थिक सहायता की जा सके। इस प्रस्ताव पर जल्द निर्णय की संभावना है। सरकार अप्रैल से अब तक कोविड या नॉन कोविड कारणों से कार्मिकों की मृत्यु की सूचना जुटा रही है।

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