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नौकरी-मुआवजा पाएंगे सभी मृतक आश्रित:- चुनाव ड्यूटी में जान गंवाने वाले सभी कार्मिकों के आश्रितों के हित में योगी सरकार का कदम

 नौकरी-मुआवजा पाएंगे सभी मृतक आश्रित:- चुनाव ड्यूटी में जान गंवाने वाले सभी कार्मिकों के आश्रितों के हित में योगी सरकार का कदम

लखनऊ: चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वाले शिक्षक व अन्य कार्मिकों की वास्तविक संख्या को लेकर खींचतान मची थी। इस बीच योगी सरकार ने राहत भरा कदम उठाया है। किसी भी मृत कार्मिक के स्वजन नौकरी और मुआवजे से वंचित नहीं रहेंगे। राहत का दायरा सीमित कर रही राज्य निर्वाचन आयोग की पुरानी गाइडलाइन को बदलने के लिए आयोग के साथ सरकार की कवायद शुरू हो चुकी है।


हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान कई कार्मिकों की मृत्यु भी हो गई। इन कार्मिकों की संख्या को लेकर सरकार, शिक्षक संगठन और विपक्ष के अलग-अलग दावे हैं। मुद्दा यह भी उठा कि राज्य निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन में चुनाव ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले ही मुआवजे आदि का लाभ ले पा रहे हैं, जबकि कोरोना की परिस्थिति अलग है। कोई संक्रमित ड्यूटी के दौरान हुआ और बाद में उसकी मृत्यु हुई तो उसके आश्रितों को राहत देने के बीच में आयोग की पुरानी गाइडलाइन आड़े आ रही है। इस विषय को गंभीरता से लेते हुए गुरुवार को मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठक में कहा कि जिन शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों, रोजगार सेवकों, पुलिस कर्मियों की चुनाव ड्यूटी के दौरान मृत्यु हुई या जो उस दौरान कोरोना से संक्रमित हुआ और बाद में मृत्यु हो गई, उन सभी के आश्रितों को मदद मिलनी चाहिए। गाइडलाइन पुरानी है अब इस पर नए सिरे से सहानुभुतिपूर्वक विचार करने की जरूरत है। योगी ने निर्देश दिया कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए चुनाव आयोग से आख्या ली जाए। सीएम ने कहा है कि इनके बच्चे राज्य की संपत्ति हैं। ऐसे अनाथ और निराश्रित बच्चों की देखभाल के लिए कार्ययोजना तैयार करें।

’चुनाव ड्यूटी में जान गंवाने वाले सभी कार्मिकों के आश्रितों के हित में योगी सरकार का कदम

’राज्य निर्वाचन आयोग की पुरानी गाइडलाइन्स से सीमित मृतक आश्रित पा रहे राहत

मृतक आश्रितों को तुरंत मिले अनुग्रह राशि और मुआवजा

मुख्य सचिव आरके तिवारी ने कहा है कि कोविड संक्रमण के नियंत्रण एवं बचाव के लिए ड्यूटी के समय संक्रमित होने से कुछ कर्मियों की दु:खद मृत्यु भी हुई है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ऐसे कर्मियों के स्वजन के लिए अनुमन्य अनुग्रह राशि और एक आश्रित को नियमानुसार नौकरी देने की प्रक्रिया यथाशीघ्र पूरी करें। यदि कार्यवाही विभाग या शासन स्तर पर की जानी है तो अपनी आख्या भी तत्काल संबंधित विभाग को भेजें।

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